सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर सुनवाई टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म मेकर्स को केंद्रीय पैनल के फैसले का इंतजार करना चाहिए. अहम ये है कि इस मामले पर केंद्रीय पैनल का गठन किया गया है जो बुधवार दोपहर को 2:30 बजे अपना फैसला देगा.
Supreme Court on ‘Udaipur Files’: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर सुनवाई को टाल दिया है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड’ पर सुनवाई 21 जुलाई तक टाल दी और फिल्म निर्माताओं से फिल्म के खिलाफ आपत्तियों पर सुनवाई के लिए केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल के फैसले का इंतजार करने को कहा. अहम ये है कि पैनल की बैठक बुधवार दोपहर 2:30 बजे होने वाली है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने फिल्म निर्माताओं से कहा कि कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड के आरोपियों को फिल्म रिलीज होने पर प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन फिल्म निर्माताओं को आर्थिक रूप से मुआवजा दिया जा सकता है.
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
फिल्म निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. पीठ ने केंद्र की समिति से सभी पक्षों को सुनने के बाद बिना समय गंवाए तुरंत फैसला लेने को कहा. पीठ ने पैनल को हत्या मामले के आरोपियों की सुनवाई का भी निर्देश दिया. यह फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी. 10 जुलाई को, दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार के निर्णय तक रिलीज पर रोक लगा दी, जिसमें फिल्म में समाज में “वैमनस्य बढ़ाने” की क्षमता होने का आरोप लगाया गया था.
मौलाना अरशद मदनी ने दायर की याचिका
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी द्वारा उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिकाओं में दावा किया गया है कि 26 जून को रिलीज हुआ फिल्म का ट्रेलर ऐसे संवादों और घटनाओं से भरा हुआ था जिनसे 2022 में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा हुआ था और इससे फिर से वही भावनाएं भड़कने की पूरी आशंका है. उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने हत्या कर दी थी. हमलावरों ने बाद में एक वीडियो जारी कर दावा किया कि यह हत्या दर्जी द्वारा पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करने की प्रतिक्रिया में की गई थी. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने की थी और आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा, कठोर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. यह मुकदमा जयपुर स्थित विशेष एनआईए अदालत में लंबित है.
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