30 Nov 2025

फैज अहमद फैज के वह शेर जिन्होंने लोगों के दिलों को अपने काबू में कर लिया, एक बार आप भी पढ़ें.

जमाने में मोहब्बत

1. और भी दुख हैं जमाने में मोहब्बत के सिवा, राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा.

नाकाम ही तो

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है गम की शाम मगर शाम ही तो है.

गम-ए-जहां

कर रहा था गम-ए-जहां का हिसाब, आज तुम याद बे-हिसाब आए.

मोहब्बत में हार

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के, वो जा रहा है कोई शब-ए-गम गुजार के.

बेगाना कर दिया

दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया, तुझ से भी दिल-फरेब हैं गम रोजगार के.

जख़्म भरने

तुम्हारी याद के जब जख़्म भरने लगते हैं, किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं.