02 Dec 2025

'मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी...' पढ़ें परवीन शाकिर के सदाबहार शेर.

उम्र चाहिए

हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानां, दो घड़ी की चाहत में लड़कियां नहीं खुलतीं.

हार जाऊंगी

मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी, वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा.

हार जाऊंगी

वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया, बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की.

रुस्वाई की

कैसे कह दूं कि मुझे छोड़ दिया है उस ने, बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की.

आदमी के पास

वो मुझ को छोड़ के जिस आदमी के पास गया, बराबरी का भी होता तो सब्र आ जाता.

बहुत आसां

 यूं बिछड़ना भी बहुत आसां न था उस से मगर, जाते जाते उस का वो मुड़ कर दोबारा देखना.