Home राज्यGujarat गुजरात पुलिस ने 804 करोड़ की साइबर ठगी का किया भंडाफोड़, अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 10 गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने 804 करोड़ की साइबर ठगी का किया भंडाफोड़, अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 10 गिरफ्तार

by Sanjay Kumar Srivastava
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Cyber ​​Crime: पीड़ितों ने दुबई, वियतनाम और कंबोडिया से संचालित गिरोह द्वारा ठगे जाने के बाद यह राशि गंवा दी थी. सूरत से गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

Cyber ​​Crime: गुजरात पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह ने नागरिकों से 804 करोड़ रुपये की ठगी की थी. सूरत से गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने शनिवार को बताया कि कुछ पीड़ितों को 5.51 करोड़ रुपये भी सौंपे गए. पीड़ितों ने दुबई, वियतनाम और कंबोडिया से संचालित गिरोह द्वारा ठगे जाने के बाद यह राशि गंवा दी थी. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने वाले साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. उन्होंने कहा कि यह गिरोह आम नागरिकों को 1.5-2 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उनके बैंक खाते और सिम कार्ड हासिल कर लेता था और साइबर धोखाधड़ी के लिए उसका दुरुपयोग करता था. गिरोह ने देश भर में 1,549 अपराध किए हैं और नागरिकों से लगभग 804 करोड़ रुपये की ठगी की है.

12 दिनों तक नजरबंद था पीड़ित

सांघवी ने बताया कि गिरोह के पास से 65 मोबाइल फोन, 447 डेबिट कार्ड, 529 बैंक खाता किट, 686 सिम कार्ड और 16 पीओएस (बिक्री केन्द्र) बरामद किए गए हैं. यहां साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सांघवी ने साइबर धोखाधड़ी के पीड़ितों को 5.51 करोड़ रुपये लौटाए. इनमें से एक वडोदरा की एक वरिष्ठ नागरिक को प्रतिष्ठित बीमा कंपनियों के नाम पर भारी मुनाफ़े का वादा किया गया था. पीड़ित को उसके 4.91 करोड़ रुपये वापस मिल गए. एक अन्य मामले में अहमदाबाद की एक वरिष्ठ नागरिक को ड्रग मामले में फंसाने की धमकी देकर डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया. उन्हें स्काइप पर 12 दिनों तक नज़रबंद रखा गया.

जब्त किए 48 लाख रुपये

पुलिस ने इस मामले में साइबर अपराधियों से 48 लाख रुपये जब्त किए. पैसे मालिक को वापस कर दिए गए. इसके अलावा रॉकक्रीक नामक एक नकली ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से एक परिवार द्वारा खोए गए 12.70 लाख रुपये भी बरामद किए गए और उन्हें वापस कर दिया गया. संघवी ने जनता से साइबर सुरक्षा कवच अपनाने और किसी भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने के पहले घंटे “गोल्डन ऑवर” के भीतर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करने की अपील की. ​​मंत्री ने कहा कि भारत में डिजिटल गिरफ्तारी जैसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. किसी को भी कानूनी कार्रवाई की धमकी देने वाले प्रतिरूपणकर्ताओं के कॉल से डरना नहीं चाहिए.मंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति साइबर धोखाधड़ी का शिकार होता है तो वह तुरंत पुलिस को सूचना दे.

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