07 Dec 2025
'ढूंड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती...' पढ़ें अहमद फ़राज़ के दिल जीत लेने वाले शेर.
दिल ही दुखाने
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ.
तिरे साथ
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा'द ये मा'लूम, कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी.
जुदाई का सबब
किस किस को बताएंगे जुदाई का सबब हम, तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ.
ये खज़ाने
ढूंड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती, ये खज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें.
दिल से उतर
आंख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा, वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा.
मिरा इश्क़
तू ख़ुदा है न मिरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा, दोनों इंसां हैं तो क्यूं इतने हिजाबों में मिलें.