02 Nov 2025
परवीन शाकिर के वह शेर जिन्हें पढ़कर आपका दिन बन जाएगा.
घड़ी की चाहत
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानां, दो घड़ी की चाहत में लड़कियां नहीं खुलतीं.
ला-जवाब
मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी, वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा.
मिरे हरजाई
वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया, बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की.
कैसे कह दूं
कैसे कह दूं कि मुझे छोड़ दिया है उस ने, बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की.
मिट्टी में बग़ावत
कुछ तो तिरे मौसम ही मुझे रास कम आए, और कुछ मिरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी.
मेरा चाँद
रात के शायद एक बजे हैं, सोता होगा मेरा चाँद..