'बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है...' पढ़ें अनवर शऊर के सदाबहार शेर.
मोहब्बत रही चार दिन जिंदगी में, रहा चार दिन का असर जिंदगी भर.
बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है, हर आदमी में कोई दूसरा भी होता है.
इस तअल्लुक में नहीं मुमकिन तलाक, ये मोहब्बत है कोई शादी नहीं.
जनाब के रुख-ए-रौशन की दीद हो जाती, तो हम सियाह-नसीबों की ईद हो जाती.
किया बादलों में सफर जिंदगी भर, जमीं पर बनाया न घर जिंदगी भर.
काफी नहीं खुतूत किसी बात के लिए, तशरीफ लाइएगा मुलाकात के लिए.