01 Nov 2025
'तिरे इश्क की इंतिहा चाहता हूं...' पढ़ें अल्लामा इकबाल के मशहूर शेर.
सितारों से आगे
सितारों से आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं.
सितारों से आगे
सितारों से आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहां और भी हैं.
रिज़्क़ से मौत
ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी, जिस रिज़्क से आती हो परवाज में कोताही.
इश्क की इंतिहा
तिरे इश्क की इंतिहा चाहता हूं, मिरी सादगी देख क्या चाहता हूं.
ताकत-ए-परवाज
दिल से जो बात निकलती है असर रखती है, पर नहीं ताकत-ए-परवाज मगर रखती है.
नशा पिला
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है, मज़ा तो जब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी.
मज़हब नहीं
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा..