'मिट्टी का बदन कर दिया मिट्टी के हवाले...' पढ़ें मुनव्वर राना के दिल जीत लेने वाले शेर.
06 JULY 2025
इतना रोना
गर कभी रोना ही पड़ जाए तो इतना रोना, आ के बरसात तिरे सामने तौबा कर ले.
उम्र भर
यहीं रहूंगा कहीं 'उम्र भर न जाऊंगा, जमीन मां है इसे छोड़ कर न जाऊंगा.
मिट्टी का बदन
मिट्टी का बदन कर दिया मिट्टी के हवाले, मिट्टी को कहीं ताज-महल में नहीं रक्खा.
थक गए
तुम्हें भी नींद सी आने लगी है थक गए हम भी, चलो हम आज ये किस्सा अधूरा छोड़ देते हैं.
खाक-ए-वतन
ऐ खाक-ए-वतन तुझ से मैं शर्मिंदा बहुत हूं, महंगाई के मौसम में ये त्यौहार पड़ा है.
भूल गया
ऐसा लगता है कि वो भूल गया है हम को, अब कभी खिड़की का पर्दा नहीं बदला जाता.