'ये मुझे चैन क्यूं नहीं पड़ता', जौन एलिया के मशहूर शेर.
अपने सब यार काम कर रहे हैं,
और हम हैं कि नाम कर रहे हैं.
सब यार
अब मेरी कोई जिंदगी ही नहीं,
अब भी तुम मेरी जिंदगी हो क्या.
मेरी कोई जिंदगी
ये मुझे चैन क्यूं नहीं पड़ता,
एक ही शख्स था जहान में क्या.
चैन क्यूं
बहुत नजदीक
आती जा रही हो,
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या.
बहुत नजदीक
कौन इस घर की देख-भाल करे,
रोज इक चीज टूट जाती है.
रोज इक चीज
उस गली ने ये सुन के सब्र किया,
जाने वाले यहां के थे ही नहीं.
सब्र किया