हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन, दिल के खुश रखने को 'गालिब' ये खयाल अच्छा है.
मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले.
हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.