11 Dec 2025

'कुछ तो इस दिल को सजा दी जाए...' पढ़ें मोहम्मद अल्वी के शानदार शेर.

रौशनी भेज दे

1. अंधेरा है कैसे तिरा ख़त पढ़ूं, लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे.

दरिया

आज फिर मुझ से कहा दरिया ने, क्या इरादा है बहा ले जाऊं.

दिल को सज़ा

कुछ तो इस दिल को सज़ा दी जाए, उस की तस्वीर हटा दी जाए.

तू जहीन भी

माना कि तू जहीन भी है ख़ूब-रू भी है, तुझ सा न मैं हुआ तो भला क्या बुरा हुआ.

समुंदर की वुसअतें

नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें, साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ.

हवा देते

आग अपने ही लगा सकते हैं, ग़ैर तो सिर्फ़ हवा देते हैं.