22 NOv 2025
'सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं...' एक बार जरूर पढ़ें दाग़ देहलवी के सदाबहार शेर.
मोहब्बत में हैं
हजारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग', जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं.
वफ़ा करेंगे
वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे, तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था.
वफ़ा करेंगे
नहीं खेल ऐ 'दाग' यारों से कह दो, कि आती है उर्दू जबां आते आते.
हमीं जानते हैं
न उर्दू है जिस का नाम हमीं जानते हैं 'दाग', हिन्दोस्ताँ में धूम हमारी ज़बाँ की है.
हमीं जानते हैं
सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं, हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं.
बे-पर्दा तुम
हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे, तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ धर लेना.