18 Nov 2025
'तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही...' पढ़ें साहिर लुधियानवी बेहतरीन शेर.
ज़िंदगी
1. ले दे के अपने पास फकत इक नजर तो है, क्यूं देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम.
रोना आया
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को, क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया.
गम और खुशी
गम और खुशी में फर्क न महसूस हो जहां, मैं दिल को उस मकाम पे लाता चला गया.
ख़ुशी की बात
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही, तुझ से मिल कर उदास रहता हूं.
देखा है ज़िंदगी
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने करीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से.
टपकेगा तो जम
ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है, ख़ून फिर खून है टपकेगा तो जम जाएगा.