01 Nov 2025
'बहुत मुश्किल है दुनिया का संवरना...' पढ़ें असरार-उल-हक मजाज के शानदार शेर.
नकाब
मुझ को ये आरज़ू वो उठाएं नकाब खुद, उन को ये इंतिजार तक़ाज़ा करे कोई.
मुफ्त में बदनाम
मुइश्क का जौक-ए-नज़ारा मुफ्त में बदनाम है, हुस्न खुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए.
तुम्हारे राज
दफ्न कर सकता हूं सीने में तुम्हारे राज को, और तुम चाहो तो अफ़्साना बना सकता हूं मैं.
मआज-अल्लाह
ये मेरे इश्क की मजबूरियां मआज-अल्लाह, तुम्हारा राज तुम्हीं से छुपा रहा हूं मैं.
दुनिया का संवरना
बहुत मुश्किल है दुनिया का संवरना, तिरी ज़ुल्फों का पेच-ओ-खम नहीं है.
खराब और जियादा
रोएं न अभी अहल-ए-नजर हाल पे मेरे, होना है अभी मुझ को खराब और जियादा.
शर्मसार
हुस्न को शर्मसार करना ही, इश्क का इंतिकाम होता है..