ताजमहल और पेठा का कनेक्शन है बेहद खास, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

आगरा ताजमहल और पेठे के लिए बेहद मशहूर है. ये मिठाई आगरी की संस्कृतिक और व्यापारिक पहचान के रूप में भी जाना जाता है.    

ऐसे कहा जाता है कि अगर ताजमहल नहीं होता तो पेठा नहीं होता.

ताजमहल

इस मिठाई की शुरुआत मुगल बादशाह शाहजहां के समय में हुई थी और इसका ताजमहल के निर्माण से गहरा रिश्ता है.

शुरुआत 

ऐसा माना जाता है कि शाहजहां ने जब अपने रसोइयों से एक ऐसी मिठाई बनाने के लिए बोला जो दिखने में सफेद और सुंदर हो.

रसोइयों 

उनके इस आदेश के बाद से मिठाई के तौर पर पेठा का निर्माण हुआ.

निर्माण

इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ताजमहल को बनने में 22 साल का टाइम लगा था.

 22 साल

इस दौरान मजदूरों ने शाहजहां से कुछ अलग खाने की इच्छा प्रकट की जिसके बाद से पेठा का निर्माण हुआ.  

इच्छा प्रकट

पेठा को बनाने के लिए सफेद कद्दू का यूज किया जाता है. इसे छोटे टुकडों में काटकर उबाल लिया जाता है. इसके बाद से इसमें चीनी मिलाई जाती है.

कैसे बनता है पेठा  

आगरा में कई अलग तरह के पेठे मिलते हैं. इनमें सफेद पेठा, पान पेठा, केसर पेठा, पिस्ता पेठा जैसे पेठा शामिल हैं.

अलग-अलग पेठे