Home Top News हमेशा लाल जूते ही क्यों पहनते थे पोप फ्रांसिस, हर किसी को नहीं पता ये खास वजह

हमेशा लाल जूते ही क्यों पहनते थे पोप फ्रांसिस, हर किसी को नहीं पता ये खास वजह

by Rishi
0 comment
Why does the pope wear red shoes?

Pope Francis Death: पोप फ्रांसिस के लाल जूतों की परंपरा 2003 से शुरू हुई, जब इतालवी मोची एंटोनियो अरेलानों ने उनके लिए खास लाल जूते बनाए.

Pope Francis Death: ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का आज निधन हो गया. उन्होंने 88 वर्ष की आयु में वेटिकन सिटी स्थित अपने निवास कासा सांता मार्टा में अंतिम सांस ली. वेटिकन की ओर से सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा गया, “पोप फ्रांसिस अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने ईस्टर सोमवार, 21 अप्रैल 2025 को अपने आवास पर अंतिम सांस ली.” पोप फ्रांसिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे, और हाल ही में उनकी तबीयत और बिगड़ गई थी.

लंबे समय से थे बीमार

पोप फ्रांसिस को कुछ समय पहले रोम के जेमेली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनके फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा था. इसके साथ ही उनकी किडनी में भी समस्याएं शुरू हो गई थीं. उनकी सादगी और अनूठे व्यक्तित्व के साथ-साथ उनके लाल जूते भी हमेशा चर्चा में रहे. विदेशी मीडिया में उनके लाल जूतों की खूब चर्चा होती थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोप फ्रांसिस हमेशा लाल जूते ही क्यों पहनते थे?

पोप बेनेडिक्ट XVI के बाद बने थे पोप

पोप फ्रांसिस 2013 में पोप बेनेडिक्ट XVI के इस्तीफे के बाद इतिहास में पहले लैटिन अमेरिकी पोप बने थे. उनकी सादगी और विनम्रता ने उन्हें दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया. कहा जाता है कि पोप बनने से पहले उन्होंने चर्च से एक भी पैसा नहीं लिया था. उनकी सादगी और मानवता के प्रति समर्पण ने उन्हें लोगों के दिलों में खास जगह दी.

लाल जूतों की परंपरा

पोप फ्रांसिस के लाल जूतों की परंपरा 2003 से शुरू हुई, जब इतालवी मोची एंटोनियो अरेलानों ने उनके लिए खास लाल जूते बनाए. सबसे पहले इन जूतों को पोप बेनेडिक्ट XVI ने पहना, और फिर पोप फ्रांसिस ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया. ये जूते लाल चमड़े से बनाए जाते थे और पोप बेनेडिक्ट के कार्यकाल में यह एक तरह का ट्रेडमार्क बन गया था.

एंटोनियो अरेलानों का अनुभव

सीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, एंटोनियो अरेलानों ने बताया कि एक दिन रोम की सड़कों पर भीड़ देखकर उन्हें अपने ग्राहक कार्डिनल रैटजिंगर (बाद में पोप बेनेडिक्ट XVI) की याद आई. इसके बाद उन्होंने आम दर्शन सभा के दौरान पोप को लाल जूते भेंट करने का फैसला किया. अरेलानों ने एक साक्षात्कार में कहा, “जब मैं सभा में पहुंचा, तो पोप ने मुझे पहचान लिया और कहा, ‘यह मेरा शूमेकर है.’ यह मेरे लिए अविस्मरणीय क्षण था.”

लाल जूतों का प्रतीकात्मक महत्व

ईसाई धर्म में लाल रंग शहादत और ईसा मसीह के जुनून का प्रतीक माना जाता है. लाल जूते कैथोलिक शहीदों के खून का प्रतीक हैं, जो चर्च के इतिहास में अपनी आस्था के लिए बलिदान हुए. इसके अलावा, लाल जूते पोप के कार्डिनल के रूप में शुरुआती जीवन की भी याद दिलाते हैं, क्योंकि कार्डिनल्स भी लाल रंग के वस्त्र और जूते पहनते हैं. यह रंग जानबूझकर चुना गया है और इसका गहरा धार्मिक महत्व है.

विश्व में शोक की लहर

पोप फ्रांसिस के निधन की खबर से दुनियाभर के ईसाई समुदाय में शोक की लहर है. उनके सादगी भरे जीवन, मानवता के प्रति समर्पण और सामाजिक सुधारों के लिए किए गए प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा. वेटिकन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया कब शुरू होगी.

ये भी पढ़ें..कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च गुरु पोप फ्रांसिस का निधन, 88 वर्ष की उम्र में वेटिकन सिटी में ली आखिरी सांस

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?