Home Latest News & Updates करोड़ों के लोन धोखाधड़ी में पति-पत्नी गिरफ्तार, एक ही संपत्ति को कई बार निजी बैंकों के पास रखा गिरवी

करोड़ों के लोन धोखाधड़ी में पति-पत्नी गिरफ्तार, एक ही संपत्ति को कई बार निजी बैंकों के पास रखा गिरवी

by Sanjay Kumar Srivastava
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accused arrested

दावा किया गया कि यह ऋणमुक्त है और अनीता का स्वामित्व है, जिस पर बैंक ने लोन स्वीकृत किया. प्रस्तुत बिक्री विलेख फर्जी पाया गया और उप-पंजीयक के हस्ताक्षर जाली थे.

New Delhi: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने एक ही संपत्ति को कई बार गिरवी रखकर निजी बैंकों को धोखा दिया. ईओडब्ल्यू के अनुसार, मामला नवंबर 2019 का है, जब मनीष और उनकी पत्नी अनीता ने खुद को एक निजी लिमिटेड कंपनी का निदेशक बताते हुए तीन करोड़ रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा की मांग करते हुए एक निजी बैंक की राजौरी गार्डन शाखा से संपर्क किया.

उप-पंजीयक के जाली हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेज के जरिए लिया था लोन

इस दौरान उन्होंने द्वारका में तीसरी मंजिल की आवासीय संपत्ति के लिए एक बिक्री विलेख प्रस्तुत किया, जिसमें दावा किया गया कि यह भारमुक्त है और अनीता का स्वामित्व है. जिस पर बैंक ने लोन स्वीकृत किया. प्रस्तुत बिक्री विलेख फर्जी पाया गया और उप-पंजीयक के हस्ताक्षर जाली थे. पहले निजी बैंक की शिकायत के बाद, दिसंबर 2022 में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जांच से पता चला कि दंपति ने एक ही संपत्ति के कई बिक्री विलेख गढ़े थे और उनका इस्तेमाल विभिन्न बैंकों से वित्तीय सुविधाएं प्राप्त करने के लिए किया था. उन्होंने पते के प्रमाण और वित्तीय दस्तावेज भी जाली बनाए.

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पहले कपड़ा एजेंट के रूप में काम करता था आरोपी

एक ईओडब्ल्यू अधिकारी ने कहा कि अनीता को अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया गया था. मनीष, जो तब से गिरफ्तारी से बच रहा था, को 28 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के अनुसार, 45 वर्षीय मनीष का जन्म और पालन-पोषण तीन मूर्ति मार्ग के पास सरकारी क्वार्टर में हुआ था. कला स्नातक, उन्होंने 2018 में एक निजी कंपनी का अधिग्रहण करने और उत्तम नगर में एक परिधान निर्माण इकाई शुरू करने से पहले कपड़ा एजेंट के रूप में काम किया था. बयान में कहा गया है कि अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए ऋण हासिल करके बैंकिंग प्रणालियों का दुरुपयोग किया और फिर फरार हो गया. मामले में आगे की जांच जारी है. ईओडब्ल्यूअधिक ने बताया कि और खुलासे होने की उम्मीद है.

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