RSS Controversy : AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया. इस दौरान उन्होंने आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यह सिर्फ एक भ्रम का सिद्धांत है.
RSS Controversy : मोहन भागवत की उस टिप्पणी पर विवाद हो गया जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुओं और मुसलमानों का DNA एक ही है. हमें हर एक मस्जिद के नीचे शिवलिंग की तलाश नहीं करनी चाहिए. यह उन विवादों के संदर्भ में था जो हाल के महीनों में स्वतंत्रता-पूर्व, मुगल युग या उससे पहले की मस्जिदों को लेकर उभरे हैं. इस पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इसको ‘सस्ती बात’ करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों कभी भी नहीं मिलेंगे, क्योंकि हिंदुत्व संगठन भारत की विविधता को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि मोहन भागवत भले ही सुलह करने वाले इंटरव्यू दे रहे हैं लेकिन आपके जो अपने लोग हैं वह तमाशा कर रहे हैं. अगर वो लोग गलत कर रहे हैं तो आप उन्हें क्यों नहीं रोक रहे हैं.
भागवत के नियंत्रण में नहीं लोग
हैदराबाद लोकसभा सीट से पांच बार के सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि यह जो लोग अदालतों में केस दर्ज करने के लिए जा रहे हैं क्या ये मोहन भागवत के अनुयायी नहीं है? ओवैसी से जब यह सवाल पूछा गया कि मोहन भागवत ऐसे लोगों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं तो वह कहते हैं कि कई बार पकौड़े का स्वाद खाने में ही पता चलता है. अब उन्हें रोकने के लिए भागवत कह रहे हैं इसके बाद भी कोर्ट में केस दर्ज कर रहे हैं इसका मतलब है कि वह लोग आरएसएस चीफ की बातों को भी नहीं सुन रहे हैं. ओवैसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह लोग सिर्फ आपके इशारे पर काम कर रहे हैं और आप इन्हें पीछे से मदद देने का काम कर रहे हैं.
RSS एक भ्रम का सिद्धांत : ओवैसी
ओवैसी ने बताया कि जब मोहन भागवत ने अपनी बात को खत्म कर दिया तो उसके बाद आरएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि उनके कहने का यह मतलब नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस एक भ्रम का सिद्धांत हैं और भागवत के बयान एक तरह पाखंडी की तरह से हैं. यह सिर्फ सस्ती और ढीली बातें करते हैं. इनका एकमात्र उद्देश्य सिर्फ खाड़ी के मुस्लिम देशों और अमेरिका को यह संदेश देना होता है कि हम अमन की बात करते हैं. ओवैसी से जब यह कहा गया कि वह ओवैसी से मिलकर अपनी बातों का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं तो उन्होंने कहा कि मैं उनसे मिलने के लिए उत्सुक नहीं हूं और न ही मेरे पेट में दर्द हो रहा है कि मैं उनसे में मिलने के लिए आऊं. AIMIM के चीफ ने कहा कि मैं आरएसएस को अच्छी तरह से जानता हूं और हम यह भी जानते हैं कि उनकी विचारधारा कैसी है. आरएसएस सिर्फ इस देश की बहुलता और विविधता को नष्ट करना चाहता है.
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