Home Latest News & Updates मध्य प्रदेश में गर्भवती ने मांगी सड़क तो सांसद ने कर दी एंबुलेंस की पेशकश, इस गांव का है रोचक मामला

मध्य प्रदेश में गर्भवती ने मांगी सड़क तो सांसद ने कर दी एंबुलेंस की पेशकश, इस गांव का है रोचक मामला

by Sanjay Kumar Srivastava
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जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कड्डी-बगैहा गांव की सड़क काफी जर्जर है. गांव में तीन या चार पहिया वाहन तक नहीं जा पाते हैं. गांव में जब भी कोई बीमार पड़ता है तो अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.

Sidhi: जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कड्डी-बगैहा गांव की सड़क काफी जर्जर है. गांव में तीन या चार पहिया वाहन तक नहीं जा पाते हैं. गांव में जब भी कोई बीमार पड़ता है तो अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.ऐसा ही एक मामला इस गांव में आया है. गर्भवती महिला ने सरकार से अपने गांव में सड़क बनवाने की मांग की है, जिससे उसे अपने प्रसव के दौरान अस्पताल जाने में कोई दिक्कत न हो. गर्भवती लीला साहू ने अपने गांव में सड़क बनवाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था और आरोप लगाया था कि स्थानीय सांसद अपने वर्षों पुराने आश्वासन को पूरा करने में विफल रहे हैं.

सड़क के लिए केंद्रीय मंत्री गडकरी से मिलेंगी साहू

उन्होंने अब अपने बच्चे को जन्म देने के बाद दिल्ली जाने और अपनी शिकायत के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलने की कसम खाई है. एक साल पहले साहू ने जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कड्डी-बगैहा गांव तक उचित पहुंच मार्ग की कमी को उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर रील पोस्ट की थी. अब वह फिर से सक्रिय हो गई हैं और खड्डीखुर्द से गंगारी तक 10 किलोमीटर लंबी सड़क की मांग कर रही हैं. शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए 25 वर्षीय साहू ने कहा कि मैं अपने बच्चे को जन्म देने के बाद नई दिल्ली जाऊंगी और केंद्रीय मंत्री गडकरी से जल्द से जल्द सड़क को मंज़ूरी देने का अनुरोध करूंगी.

सांसद पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

साहू ने कहा कि उन्होंने एक साल पहले सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी, जिसके बाद सीधी के सांसद राजेश मिश्रा ने आश्वासन दिया था कि पिछले साल मानसून के बाद सड़क बन जाएगी. हालांकि अभी तक कुछ भी नहीं बना है. उन्होंने सांसद पर अपनी प्रतिबद्धता पूरी न करने का आरोप लगाया. संपर्क करने पर मिश्रा ने कहा कि हमारे पास एम्बुलेंस जैसी सुविधाएं हैं. चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. यह मोहन यादव की सरकार है. प्रसव की एक नियत तारीख होती है और अगर जानकारी मिल जाए, तो हम उसे एक हफ़्ते पहले अस्पताल पहुंचा सकते हैं. सांसद ने कहा कि लोग किसी भी तरह से सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं. महिला को मामले को इस तरह सामने लाने की क्या ज़रूरत थी ?

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