SIR Protest : विपक्षी पार्टियों ने प्लान बनाया है कि वह संसद के अंदर और बाहर दोनों तरफ SIR का मुद्दा उठाएंगे. साथ ही जरूरत पड़ती है तो वह चुनाव आयोग के कार्यालय तक भी मार्च निकालेंगे.
SIR Protest : एसआईआर का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है और बिहार से लेकर संसद में गूंज रहा है. इसी बीच I.N.D.I.A ब्लॉक की पार्टियों ने तय किया है कि वह SIR का मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगी. इसके अलावा अगले सप्ताह चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकालने के लिए विकल्प पर भी विचार कर रही हैं. गुरुवार की सुबह I.N.D.I.A ब्लॉक ने एक मीटिंग की जिसमें यह मुद्दा जोर शोर से उठाया. सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक, विपक्षी दल इस बात सहमत हुए कि संसद के चालू मानसून सत्र में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा उनकी प्राथमिकता है और उन्होंने इस पर चर्चा की भी मांग की.
मार्च निकालने की बनाई योजना
उन्होंने यह भी कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक के नेता आगामी सप्ताह में चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं. एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा कि यह ब्लॉक की सर्वश्रेष्ठ बैठकों में से एक थी, जहां पर सभी दल एकजुट हुए थे. एक दूसरे विपक्षी नेता ने कहा कि सांसदों ने इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने पर चर्चा की, जिसमें वोटबंदी, वोट चोरी और वोट की लूट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. साथ ही इसके तहत भारत की नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने को कहा गया.
गरीब मतदाता रह जाएंगे वंचित
I.N.D.I.A ब्लॉक की मीटिंग में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, TMC के राज्यसभा नेता डेरेक ओ’ब्रायन, DMK नेता टी आर बालू और त्रियुची शिवा, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, NCP (SP) की सुप्रिया सुले, CPI (ML) लिबरेशन के राजा राम सिंह, माकपा के जॉन ब्रिटास और CPI केपी संदोष कुमार जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए. वहीं, पिछले हफ्ते डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा था कि विपक्षी दल चुनाव प्राधिकरण कार्यालय का घेराव आयोजित करने के विकल्प पर चर्चा करेंगे. बता दें कि संसद के दोनों सदनों में अभी तक कई बार विपक्षी दलों ने विरोध किया है और इस बाद SIR का मुद्दा भी जमकर उठाया गया है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया से कई लोग खासकर गरीब वर्ग के लोग मताधिकार से वंचित रह जाएंगे, जिनके पास चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए डॉक्यूमेंट नहीं होंगे.
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