Home राज्यHaryana पहचान में चूक: गलत शव का अंतिम संस्कार, असली व्यक्ति मिला जीवित, डीएनए जांच से खुलेगा राज

पहचान में चूक: गलत शव का अंतिम संस्कार, असली व्यक्ति मिला जीवित, डीएनए जांच से खुलेगा राज

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
haryana police

Gurugram News: पुलिस के अनुसार, यहां मोहम्मदपुर झाड़सा गांव में पत्नी और तीन बेटों के साथ रहने वाला ठेकेदार पूजन प्रसाद एक हफ्ते से घर नहीं आया था.

Gurugram News: हरियाणा के गुरुग्राम में परिवारवालों ने शव को पहचानने में भूल कर दी, जिससे गलत शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. अगले ही दिन असली व्यक्ति जीवित घर लौट आया. पुलिस ने शनिवार को बताया कि एक लापता 47 वर्षीय ठेकेदार के परिवार ने गलती से कटे सिर वाले शव की पहचान ठेकेदार के रूप में कर ली और उसका अंतिम संस्कार कर दिया. अगले दिन घर लौटने पर परिवारवालों को इस गलती का एहसास हुआ. पुलिस ने बताया कि शव के डीएनए नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं और उसका इस्तेमाल उस व्यक्ति की पहचान करने के लिए किया जाएगा जिसका अंतिम संस्कार परिवार ने किया था. सेक्टर 37 थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार, यहां मोहम्मदपुर झाड़सा गांव में पत्नी और तीन बेटों के साथ रहने वाला ठेकेदार पूजन प्रसाद एक हफ्ते से घर नहीं आया था. जिसके बाद उसके बेटे संदीप कुमार ने 1 सितंबर को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई.

शर्ट देखकर बेटे को हो गया भ्रम

एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने कहा कि भ्रम की स्थिति 28 अगस्त को शुरू हुई जब पुलिस ने सेक्टर 37 थाना क्षेत्र में एक खाली पड़े गोदाम के पास एक कटे सिर वाला शव बरामद किया. जब संदीप कुमार ने अपने लापता पिता के बारे में पुलिस से संपर्क किया, तो पुलिस ने उसे मिले शव के बारे में बताया. संदीप और परिवार के अन्य सदस्य शवगृह पहुंचे, जहां संदीप ने दाहिने पैर पर चोट के निशान से शव की पहचान की. मृतक ने पिता के समान ही शर्ट और पतलून पहन रखी थी. बेटे ने पुलिस को बताया कि यह उसके पिता का शव है और अपने परिवार को भी सूचित किया. इसके बाद उसके बेटों ने अंतिम संस्कार किया. हालांकि, बुधवार को जब पूजन के बेटे यमुना में अस्थियां विसर्जित करने जा रहे थे, तो उसे अपने मामा राहुल प्रसाद का फोन आया कि उन्होंने पूजन को खांडसा चौक पर देखा है. राहुल पूजन को ऑटो में अपने घर ले गया और परिवार को सूचना दी.

पुलिस जांच पर उठे सवाल

जब संदीप और उसका बड़ा भाई अमन लौटे, तो उन्होंने अपने पिता को घर पर बैठा पाया. उनके अचानक प्रकट होने से न केवल उनका परिवार हतप्रभ रह गया, बल्कि जांचकर्ताओं के सामने उस व्यक्ति की पहचान को लेकर एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो गया जिसका उन्होंने अंतिम संस्कार किया था. पुलिस ने बताया कि यह लापता व्यक्ति के परिवार की मानवीय भूल थी, लेकिन हम उस व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं जिसका अंतिम संस्कार किया गया था. प्रक्रिया के अनुसार, शव के डीएनए नमूने सुरक्षित रखे गए हैं जिनका उपयोग मृतक की पहचान के लिए किया जाएगा. सेक्टर 37 थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर शाहिद अहमद ने कहा कि आगे की जांच चल रही है और हमें उम्मीद है कि तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी. पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने स्पष्ट किया कि अगर परिवार कपड़ों, निशानों या निशानों के आधार पर शवों की पहचान करते हैं तो पुलिस उन्हें रोक नहीं सकती. प्रवक्ता ने कहा कि सड़े-गले शवों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. इस मामले में भी, परिवार ने ज़ोर देकर कहा कि यह पूजन प्रसाद ही था, इसलिए शव उन्हें सौंप दिया गया.

ये भी पढ़ेंः आंध्र प्रदेश में जेल के अंदर मुख्य वार्डेन पर जानलेवा हमला, जेल तोड़कर दो कैदी फरार

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?