Home Latest News & Updates 17 साल का लड़का कैसे बना 25 हजार करोड़ का मालिक ? फुल टाइम नौकरी के बाद मिलते थे महज 250 रुपए रोज

17 साल का लड़का कैसे बना 25 हजार करोड़ का मालिक ? फुल टाइम नौकरी के बाद मिलते थे महज 250 रुपए रोज

by Sanjay Kumar Srivastava
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Nikhil Kamath

अगर हौसला बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उनके लिए जिंदगी की राह आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के रहने वाले एक 17 साल के लड़के के साथ.

DELHI: अगर हौसला बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उनके लिए जिंदगी की राह आसान हो जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के रहने वाले एक 17 साल के लड़के के साथ, जिसने पढ़ाई के फौरन बाद अपने पर्सनल खर्च चलाने के लिए छोटी-मोटी जॉब की. हालांकि जब एक नौकरी से उसका मन भर गया तो उसने दूसरी जगह जॉब की कोशिश की. लेकिन हर जगह वही 8 घंटे की थकान भरी जिंदगी. ऐसे में उसने इन सबको छोड़ कुछ बड़ा करने की ठानी.

फुल टाइम नौकरी, कमाई महज 250 रुपए रोज

बेंगलुरू निवासी निखिल कामथ अब ब्रोकरेज फर्म Zerodha के को-फाउंडर हैं. बहुत छोटी उम्र से ही निखिल कामथ ने काम करना शुरू कर दिया था. यहां तक कि जब वो 17 साल के थे, तभी उन्होंने फुल टाइम नौकरी शुरू कर दी थी. नौकरी में जहां उनका पूरा समय चला जाता था, वहीं रोजाना सिर्फ 250 रुपए की कमाई होती थी. इसके अलावा काम के बाद इतनी थकान हो जाती कि कुछ सोचने-समझने की हिम्मत नहीं रहती थी. ऐसे में निखिल ने नौकरी छोड़ कुछ अपना काम शुरू करने की प्लानिंग की.

निखिल कामथ ने एक साक्षात्कार में कहा था कि एक बार उनके पिता ने उन्हें अपनी बचत के कुछ पैसे दिए थे. निखिल ने इन पैसों को पापा से पूछे बिना ही शेयर मार्केट में लगा दिया. चूंकि ये अपनी जमा पूंजी नहीं थी, इसलिए अब उन पर पिता के इन पैसों को जल्दी से जल्दी दोगुना करने की जिम्मेदारी थी. कुछ ही महीनों में निखिल ने पिता के पैसों को कई गुना बढ़ा दिया. इसके साथ ही वो अब पूरी तरह शेयर ट्रेडिंग में किस्मत आजमाने लगे.

अपने भाई नितिन के साथ मिलकर निखिल कामथ ने 2010 में एक शेयर ट्रेडिंग कंपनी की शुरुआत की. इसका नाम जीरोधा (Zerodha) रखा गया. तब से उनकी इस कंपनी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है. आज कंपनी के पास 10 मिलियन यानि 1 करोड़ से ज्यादा कस्टमर्स हैं. जीरोधा की गिनती देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स में होती है. निखिल कामथ ने बाद में पर्सनल इनवेस्टमेंट के लिए Gruhas, फिनटेक इनक्यूबेटर रेनमैटर और रेनमैटर फाउंडेशन के अलावा हेज फंड ट्रू बीकन की भी स्थापना की.

रेनमैटर फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा देने वाली फिनटेक कंपनियों में निवेश करता है. बता दें कि अपने बिजनेस माइंड और कंपनी Zerodha की बदौलत निखिल कामथ महज 34 साल में युवा अरबपति बने. 2023 में आई Forbes की लिस्ट में उन्हें भारत का सबसे युवा अरबपति चुना गया. फोर्ब्स के मुताबिक फिलहाल वो दुनिया के 1062वें सबसे अमीर शख्स हैं. उनकी कुल नेटवर्थ 3.1 अरब डॉलर यानि 25,730 करोड़ रुपए है.

जब नौकरी छोड़ शेयर ट्रेडिंग करने लगे निखिल

निखिल कामथ ने कुछ दिनों तक नौकरी की. इसके बाद शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू की. धीरे-धीरे उन्होंने मार्केट की नब्ज को पकड़ना शुरू किया. जब निखिल को इस काम में कुछ अनुभव हो गया तो उन्होंने शेयर ट्रेडिंग के काम को ही आगे बढ़ाने की सोची. हालांकि, तब उनके पास इतने पैसे नहीं थे.

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