Stock market fraud: दिल्ली पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
Stock market fraud: दिल्ली पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह ने फर्जी कंपनियों और फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के जरिए पीड़ितों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया था. एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि एक फर्जी फर्म के निदेशक और आगरा के फतेहाबाद निवासी सुनील कुमार, महाराष्ट्र के ठाणे निवासी विशाल चौरे और उसकी पत्नी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी फर्जी संस्था से जुड़े हैं. पुलिस ने कहा कि ये गिरफ्तारियां बल्लभगढ़ (हरियाणा) और ठाणे (महाराष्ट्र) से की गईं. गिरफ्तारी से जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और उद्यम महिला सशक्तीकरण फाउंडेशन की आड़ में चल रहे एक बहुस्तरीय रैकेट का पर्दाफाश हुआ.
महिला ने गंवाए 1.6 करोड़
यह सिंडिकेट कई राज्यों में लोगों को ठगता था. गिरोह फर्जी प्री-आईपीओ योजनाएं और धोखाधड़ी वाले विदेशी मुद्रा व्यापार प्लेटफॉर्म चलाता था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच एक पीड़ित की शिकायत पर शुरू हुई, जिसने सोशल मीडिया के जरिए मिली एक महिला के बहकावे में आकर 1.6 करोड़ रुपये गंवा दिए. महिला ने पीड़ित को स्प्रेडेक्स ग्लोबल लिमिटेड नामक एक फर्जी यूके-आधारित प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए राजी किया. पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान टीम को दो और फर्जी कंपनियों का पता चला. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान उद्यम महिला सशक्तिकरण फाउंडेशन से जुड़ी 45 शिकायतें सामने आईं. फाउंडेशन ने 22 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी.
पूर्वी दिल्ली के शकरपुर में था फर्जी कार्यालय
पुलिस के अनुसार, पीड़ित के पैसे में से 15 लाख रुपये जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स के खाते में और 11 लाख रुपये उद्यम महिला सशक्तिकरण फाउंडेशन के खाते में पाए गए, जिसे ठाणे निवासी विशाल चौरे और उसकी पत्नी द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता था. अधिकारियों ने कहा कि दंपति ने फर्जी फाउंडेशन के माध्यम से करोड़ों की साइबर धोखाधड़ी की. जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला कि जीटीआर इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक सुनील कुमार ने पूर्वी दिल्ली के शकरपुर में एक फर्जी कार्यालय बनाया था, जिसमें जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके इकाई को एक वैध इलेक्ट्रॉनिक्स फर्म के रूप में पेश किया गया था. पुलिस ने कहा कि धोखाधड़ी के पैसे को प्राप्त करने और आगे डायवर्ट करने से पहले एक चालू खाता खोला गया था.
ये भी पढ़ेंः दिल्ली के रोहिणी में दिनदहाड़े 8 लाख की लूट, चार गिरफ्तार, CCTV और खुफिया सूचना से खुला राज
