QS Ranking 2025: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान घोषित किया गया है.
QS Ranking 2025: QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान घोषित किया गया है. इसके बाद IIT बॉम्बे दूसरे और IIT खड़गपुर का तीसरे स्थान पर है. वैश्विक स्तर पर इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिला है. स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय 2023 में रैंकिंग की शुरुआत के बाद पहली बार दुनिया का नंबर-1 संस्थान बना है. पिछले दो वर्षों 2024 और 2025 में शीर्ष स्थान पर रहे टोरंटो विश्वविद्यालय इस बार फिसलकर दूसरे स्थान पर आ गया है. वहीं यूके का यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) दो पायदान ऊपर चढ़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. भारत के लिए यह रैंकिंग विशेष मायने रखती है, क्योंकि इस वर्ष 26 नए भारतीय विश्वविद्यालय सूची में शामिल हुए हैं. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चार देशों की उच्च शिक्षा प्रणालियों में शामिल हो गया है, जिनके 100 से अधिक संस्थान इस वैश्विक रैंकिंग में जगह बनाते हैं.
छह IIT की रैंकिंग में सुधार
मंगलवार को जारी सूची में कहा गया है कि इस वर्ष रैंकिंग में शामिल 15 आईआईटी में से छह ने 2025 की तुलना में 2026 में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है. IIT दिल्ली उन छह IIT में से एक है, जिसने तीन साल पहले प्रारंभिक रैंकिंग के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति की है. इस रैंकिंग के 2026 संस्करण में कई भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपना सर्वोच्च स्कोर हासिल किया, जिनमें शीर्ष 700 में नौ शामिल हैं. वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, आईआईटी रुड़की, शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) राउरकेला, आईआईटी बीएचयू और यूपीईएस शीर्ष 700 में शामिल भारतीय विश्वविद्यालय हैं जिन्होंने इस वर्ष अपना सर्वोच्च स्थान हासिल किया.
सतत विकास में भारत की भूमिका अहम
क्यूएस की सीईओ जेसिका टर्नर ने कहा कि कुल मिलाकर भारतीय विश्वविद्यालय ज्ञान के आदान-प्रदान और पर्यावरणीय स्थिरता में उत्कृष्ट हैं. कहा कि आईआईटी और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों ने व्यक्तिगत उत्कृष्ट प्रदर्शन किए हैं. जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में उच्च शिक्षा की भूमिका इन रैंकिंग में उजागर हुई है. सतत विकास में भारत की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता है. टर्नर ने कहा कि पूरे विश्व में विकास के लिए मजबूत शोध क्षमताओं और हरित कौशल की आवश्यकता होगी. यह महत्वपूर्ण है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रतिभाओं को निखारने के लिए समर्थन जारी रखा जाए.
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