Home Top News वह सितारा जिसने हर किरदार में बिखेरी अपनी चमक, एक्शन या इमोशन, हर भूमिका में बेमिसाल

वह सितारा जिसने हर किरदार में बिखेरी अपनी चमक, एक्शन या इमोशन, हर भूमिका में बेमिसाल

by Sanjay Kumar Srivastava
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Memories of Dharmendra: धर्मेंद्र हरफनमौला अभिनेता थे. उन्होंने उस दौर में हर तरह की भूमिकाएं सहजता से निभाईं, जब बड़े-बड़े नायकों के लिए अपनी स्थापित छवि से बाहर निकलना मुश्किल होता था.

यहां उनकी 300 से ज़्यादा फ़िल्मों के करियर की शीर्ष 10 फ़िल्मों पर एक नज़र डाली गई है:

  • “शोले”: 1975 की इस क्लासिक फिल्म ने हाल ही में अपनी स्वर्ण जयंती मनाई है. यह धर्मेंद्र और उनके सह-कलाकार अमिताभ बच्चन की फिल्मोग्राफी की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है. धर्मेंद्र का चंचल, भावुक और दिल खोलकर बोलने वाला वीरू, बच्चन के जय के लिए एकदम सही साथी था. वीरू एक योद्धा था और जय उसका आदर्श रक्षक. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित यह फिल्म हिंदी सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है. हेमा मालिनी के साथ धर्मेंद्र का रोमांस और उनके नशे में धुत दृश्य भी लोगों ने काफी पसंद किया.’बसंती! इन कुत्तों के सामने मत नाचना’ जैसे संवाद ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी.
  • “चुपके चुपके”: 1975 में, धर्मेंद्र ने “शोले” और “चुपके चुपके” जैसी दो बिल्कुल अलग फिल्मों में अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाई. “चुपके-चुपके” में उन्होंने वनस्पति विज्ञान के प्रोफ़ेसर परिमल त्रिपाठी की भूमिका निभाई, जो शर्मिला टैगोर की सुलेखा से प्यार करने लगते हैं. वह अपने देवर राघवेंद्र से बहुत प्रभावित हैं. परिमल प्यारे मोहन का भेष धारण कर राघवेंद्र के यहां ड्राइवर की नौकरी कर लेते हैं और इससे कई तरह की मज़ेदार स्थितियां पैदा होती हैं.
  • “अनुपमा”: 1966 में आई इस फ़िल्म में मुखर्जी ने पहली बार धर्मेंद्र के साथ काम किया. अभिनेता ने अशोक नाम के एक संवेदनशील युवक की भूमिका निभाई, जो एक लेखक और शिक्षक है.
  • “सत्यकाम”: ऋषिकेश मुखर्जी की 1969 की फ़िल्म नारायण सान्याल के इसी नाम के बंगाली उपन्यास पर आधारित थी. इसमें धर्मेंद्र ने एक बार फिर शर्मिला टैगोर के साथ अभिनय किया, जिसे भारतीय सिनेमा में उनकी सर्वश्रेष्ठ भूमिकाओं में से एक माना जाता है. इस फ़िल्म ने उस वर्ष हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था.
  • “सीता और गीता”: “शोले” टीम द्वारा 1972 में बनी यह भारतीय हिंदी भाषा की कॉमेडी ड्रामा फ़िल्म दो अलग-अलग जुड़वां बहनों सीता और गीता (हेमा मालिनी) के बारे में है, जो सालों बाद मिलती हैं और अपनी जगह बदल लेती हैं. धर्मेंद्र ने राका की भूमिका निभाई है, जो सीता का प्रेमी है. इस फ़िल्म ने इस जोड़ी को प्रशंसकों की पसंदीदा जोड़ी बना दिया. धर्मेंद्र और हेमा मालिनी दोनों ने “तुम हसीन मैं जवान”, “ड्रीमगर्ल”, “चरस”, “आज़ाद”, “राजा रानी” और “तुम हसीन मैं जवान” सहित दो दर्जन से ज़्यादा फ़िल्मों में साथ काम किया.
  • “यादों की बारात”: नासिर हुसैन की 1973 की मसाला फ़िल्म तीन भाइयों की कहानी पर आधारित थी, जो एक गैंगस्टर द्वारा अपने माता-पिता की हत्या के बाद अलग हो जाते हैं. यह फ़िल्म “खोए हुए भाई” की कहानी का एक नया चलन बन गई. धर्मेंद्र ने फ़िल्म में बड़े भाई का किरदार निभाया है, जो सालों बाद अपने माता-पिता द्वारा गाए गए एक गीत के ज़रिए अपने दो अन्य खोए हुए भाई-बहनों से मिलता है.
  • “प्रतिज्ञा”: धर्मेंद्र और बीएस देओल द्वारा 1975 में बनी एक्शन कॉमेडी फ़िल्म में धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, अजीत, जॉनी वॉकर, जगदीप, मुकरी, मेहर मित्तल और केश्टो मुखर्जी ने अभिनय किया था. कहानी धर्मेंद्र के किरदार अजीत के इर्द-गिर्द घूमती है, जो खूंखार डाकू भरत ठाकुर द्वारा अपने माता-पिता की नृशंस हत्या का बदला लेने के लिए निकला है.
  • “धरम वीर”: 1977 में आई इस फ़िल्म में धर्मेंद्र और जीतेंद्र दो खोए हुए जुड़वा बच्चों की भूमिका निभाते हैं, जो अपने रिश्ते से अनजान होते हुए भी सबसे अच्छे दोस्त बन जाते हैं. धर्मेंद्र एक राजकुमारी के प्यार में पड़ जाते हैं जबकि जीतेंद्र एक जिप्सी लड़की से प्यार करते हैं. आखिरकार उन्हें पता चलता है कि वे भाई हैं और उनके चाचा ने राज्य हड़पने के लिए उनकी हत्या की साज़िश रची थी. इस फ़िल्म में लोकप्रिय गीत “सात अजूबे इस दुनिया में” था और यह हिट रहा.
  • “यमला पगला दीवाना”: उनके अपने प्रोडक्शन हाउस विजयता फ़िल्म्स द्वारा निर्मित इन दोनों फ़िल्मों में धर्मेंद्र अपने दोनों बेटों सनी और बॉबी देओल के साथ नज़र आता है. 2007 की फ़िल्म “अपने” ने परिवार को एक भावनात्मक कहानी के लिए एक साथ लाया. 2011 में आई “यमला पगला दीवाना” में परिवार को एक मज़ेदार रोलर कोस्टर की सवारी पर दिखाया गया था.
  • “रॉकी ​​और रानी की प्रेम कहानी”: 2023 में रिलीज़ हुई करण जौहर की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फ़िल्म में धर्मेंद्र ने परिवार के अल्ज़ाइमर से पीड़ित दादा का किरदार निभाया, जो अपने पोते रॉकी (रणवीर सिंह) के साथ कुछ पल बिताते हैं. रानी की दादी जामिनी (शबाना आज़मी) के लिए उनका खोया हुआ प्यार रॉकी और रानी के रिश्ते की नींव रखता है. फ़िल्म में धर्मेंद्र क्लासिक हिंदी धुनों पर आज़मी के साथ रोमांस करते नज़र आते हैं.

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