US-Philippines Meeting: राष्ट्रपति ट्रंप और मार्कोस जूनियर की यह बैठक ना केवल अमेरिका-फिलीपींस संबंधों को नई मजबूती देगी, बल्कि दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक रणनीतिक संदेश भी साबित हो सकती है.
US-Philippines Meeting: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बदलती भौगोलिक राजनीति के बीच अमेरिका और फिलीपींस अपने रक्षा और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में बढ़ते नजर आ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने दूसरे कार्यकाल में हैं, मंगलवार को फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर का व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे. यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संकेत है कि अमेरिका और फिलीपींस अब क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार पर पहले से कहीं अधिक संगठित दृष्टिकोण अपना रहे हैं.
दक्षिण चीन सागर में तनाव के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी
फर्डिनेंड मार्कोस की अमेरिका यात्रा ऐसे समय हो रही है जब चीन दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपनाए हुए है, खासकर विवादित स्कारबोरो शोअल क्षेत्र को लेकर. अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से पेंटागन में मुलाकात के दौरान मार्कोस ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच की पारंपरिक रक्षा साझेदारी आज पहले से कहीं अधिक आवश्यक है. हेगसेथ ने भी यह दोहराया कि अमेरिका की “शक्ति के माध्यम से शांति” की रणनीति अब इंडो-पैसिफिक में और मजबूत की जा रही है.
संयुक्त रक्षा संधि और फिलीपींस को सुरक्षा आश्वासन
हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका और फिलीपींस के बीच की आपसी रक्षा संधि अब पहले से अधिक सशक्त और प्रासंगिक है. इस संधि में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सशस्त्र हमले पर, चाहे वह सशस्त्र बलों, विमानों या तट रक्षक जहाजों पर हो, अमेरिका और फिलीपींस एक-दूसरे के समर्थन में खड़े होंगे. मार्कोस ने भी इसे “रक्षा सहयोग की आधारशिला” बताया और हालिया महीनों में हुई संयुक्त सैन्य अभ्यासों तथा अमेरिकी समर्थन के लिए आभार जताया.
टैरिफ विवाद बना चिंता का विषय
इस दौरे में व्यापारिक रिश्तों को लेकर भी महत्वपूर्ण बातचीत होने की संभावना है. राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त से फिलीपींस के सामानों पर 20% टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, यदि कोई व्यापारिक समझौता नहीं हुआ. इसके जवाब में, राष्ट्रपति मार्कोस ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की इच्छा जताई है जो “आपसी लाभकारी और भविष्य-उन्मुख” हो. फिलीपींस के वित्त मंत्री राल्फ रेक्टो ने भी संकेत दिया है कि कुछ अमेरिकी उत्पादों पर जीरो टैरिफ देने की पेशकश की जा सकती है.

राजनयिक संवाद में व्यापार और आपूर्ति शृंखला पर ज़ोर
सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई. साथ ही आपूर्ति शृंखला को मज़बूत करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी यह संकेत दिया कि व्यापार समझौता बातचीत का अहम हिस्सा हो सकता है.
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की रणनीति
अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता को लेकर चिंतित है. सिंगापुर में एक सुरक्षा सम्मेलन में हेगसेथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि अमेरिका अब “कम्युनिस्ट चीन की आक्रामकता को रोकने” की दिशा में अपने सैन्य और रणनीतिक संसाधनों का पुनर्गठन कर रहा है. चीन और फिलीपींस के बीच हाल ही में जल क्षेत्र को लेकर कई बार टकराव हुआ है, जिसमें चीनी तट रक्षक जहाजों द्वारा फिलीपीन नावों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.
राष्ट्रपति ट्रंप और मार्कोस जूनियर की यह बैठक ना केवल अमेरिका-फिलीपींस संबंधों को नई मजबूती देगी, बल्कि दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक रणनीतिक संदेश भी साबित हो सकती है. रक्षा सहयोग, व्यापार समझौते और इंडो-पैसिफिक में संयुक्त दृष्टिकोण इन वार्ताओं के केंद्र में रहेंगे. यह दौरा यह दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में अमेरिका और फिलीपींस की साझेदारी वैश्विक राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है.
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