Saras aajeevika mela: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कहा कि लोगों को स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों पर गर्व करना चाहिए.
Saras aajeevika mela: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को कहा कि लोगों को स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों पर गर्व करना चाहिए. छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहिए. उनके सामान खरीदने को प्राथमिकता देनी चाहिए.सैनी रविवार को पंचकूला के परेड ग्राउंड में ‘सरस आजीविका मेला-2025’ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले सैनी ने विभिन्न राज्यों से आए महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया और उनके उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई. उनके कौशल की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करता है और ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को आगे बढ़ाता है.
विदेशी सामान को टक्कर देने वाले उत्पाद बनाएं
उन्होंने महिला उद्यमियों से ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करने का आग्रह किया जो गुणवत्ता और शिल्प कौशल में विदेशी वस्तुओं का मुकाबला कर सकें. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वप्न डिजिटल ग्राम बाजार पोर्टल और सांझा बाजार बिक्री पोर्टल का शुभारंभ किया. स्वप्न पोर्टल हरियाणा में एसएचजी द्वारा निर्मित उत्पादों के वैश्विक प्रदर्शन और बिक्री के लिए एक एकीकृत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा, जिससे वे उत्पादों को पंजीकृत कर सकेंगे, ऑर्डर प्राप्त कर सकेंगे, बिक्री की निगरानी कर सकेंगे. जिससे वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों तक पहुंच सकेंगे. सांझा बाजार पोर्टल स्वयं सहायता समूहों को निरंतर बाजार पहुंच, स्टाल आवंटन में पारदर्शिता, वास्तविक समय की बिक्री ट्रैकिंग और उत्पाद प्रदर्शन डेटा प्रदान करेगा. यह बस स्टैंड की दुकानों, गांव की दुकानों, कैंटीन, सरस मेला स्टालों और मॉल कियोस्क की परिचालन गतिविधियों को एकीकृत करेगा.
मेले में दिखी महिलाओं की मजबूत भागीदारी
सैनी ने कहा कि मेले में महिलाओं की मजबूत भागीदारी देखी गई. यह उनके सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों ने देश भर में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सैनी ने कहा कि राज्य के आजीविका मिशन के तहत 5.98 लाख परिवारों को 60,554 स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है. इन समूहों को सॉफ्ट लोन, रिवॉल्विंग फंड और सामुदायिक निवेश निधि के माध्यम से कुल 547.89 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को कृषि और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन संचालित करने के लिए ड्रोन दीदी योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 100 महिलाओं को ड्रोन पहले ही वितरित किए जा चुके हैं. सैनी ने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं और उन्होंने राज्य के विकास में समान रूप से योगदान दिया है.
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