Home Latest News & Updates RBI गवर्नर ने कहा- टैरिफ पर भारत-अमेरिका के बीच जारी बातचीत के आएंगे सकारात्मक परिणाम

RBI गवर्नर ने कहा- टैरिफ पर भारत-अमेरिका के बीच जारी बातचीत के आएंगे सकारात्मक परिणाम

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
RBI Governor Sanjay Malhotra

RBI Governor: गवर्नर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारत के बीच चल रही बातचीत से ऐसा निर्णय निकलेगा जो टैरिफ के प्रभाव को न्यूनतम करेगा.

RBI Governor: रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने सोमवार को कहा कि टैरिफ अनिश्चितताओं से उत्पन्न चुनौतियों के बीच निवेश बढ़ाने के लिए कंपनियों और बैंकों को एक साथ आने की जरूरत है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक ने विकास के लक्ष्यों को नहीं खोया है. मुंबई में वार्षिक फिबैक कार्यक्रम में बोलते हुए गवर्नर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारतीय व्यापार प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत से ऐसा निर्णय निकलेगा जो घरेलू अर्थव्यवस्था पर टैरिफ के प्रभाव को “न्यूनतम” करेगा. भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अमेरिकी कदम और कपड़ा, झींगा आदि पर संभावित प्रभाव को लेकर मल्होत्रा ​​ने अर्थव्यवस्था के कुछ वर्गों पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए क्षेत्र-विशिष्ट मदद का आश्वासन दिया. यह स्पष्ट करते हुए कि मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति और विकास दोनों गतिशीलता को ध्यान में रखेगी.

बैंकों और कंपनियों को एकसाथ आने की जरूरत

मल्होत्रा ​​ने कहा कि हम टैरिफ से उत्पन्न चुनौतियों के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं और आर्थिक विस्तार सुनिश्चित करने के तरीकों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मल्होत्रा ​​ने कहा कि ऐसे समय में जब बैंकों और कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट अपने सबसे अच्छे स्तर पर है, उन्हें एक साथ आना चाहिए और निवेश चक्र बनाने के लिए उत्साह दिखाना चाहिए, जो इस समय बहुत महत्वपूर्ण है. मल्होत्रा ​​ने कहा कि वित्तीय स्थिरता और विकास के बीच कोई टकराव नहीं है. SBI के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने बताया कि कॉरपोरेट्स की ओर से ऋण की मांग कम हो गई है क्योंकि संस्थाएं अपनी वित्तपोषण आवश्यकताओं के लिए निजी ऋण और पूंजी बाजार की ओर रुख कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बैंकों को दीर्घकालिक पूंजीगत व्यय की अगली लहर के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर विचार करना होगा, जो भारत के विकास के लिए आवश्यक है. कंसल्टेंसी फर्म बीसीजी के रुचिन गोयल ने कहा कि समय के साथ कॉरपोरेट ऋण में कमी आई है.

ग्राहक सेवा को बेहतर बनाना RBI की प्राथमिकता

गोयल ने बताया कि अब यह समग्र प्रणाली जोखिम का 36 प्रतिशत है, जो कुछ साल पहले 60 प्रतिशत था. मल्होत्रा ​​ने स्वीकार किया कि बैंकों को अधिक स्वायत्तता देने पर आरबीआई के फोकस के कारण बैंक बोर्ड पर अत्यधिक बोझ पड़ा है. उन्होंने कहा कि आरबीआई कुछ नीतियों को तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें बोर्ड द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता है. मल्होत्रा ​​ने हितधारकों से अनुरोधों में सहयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि RBI जल्द ही बेसल-III मानदंडों को लागू करने का इरादा रखता है और अपेक्षित ऋण हानि के लिए दिशानिर्देश भी जल्द ही जनता की टिप्पणियों के लिए जारी किए जाएंगे. गवर्नर ने छोटे व्यवसायों को ऋण देना तथा ग्राहक सेवा को बेहतर बनाना RBI की प्राथमिकता बताया. मल्होत्रा ​​ने कहा कि हालांकि हमने जन धन योजना के माध्यम से लगभग पूरी वयस्क आबादी के लिए खाते खोले हैं, फिर भी इसे बढ़ाने की आवश्यकता है. मल्होत्रा ​​ने कहा कि इसके अलावा RBI ग्राहक सेवा एजेंडे में मदद के लिए आंतरिक लोकपाल ढांचे की भी समीक्षा कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः इलेक्शन एक्सपर्ट संजय कुमार को मिली ‘सुप्रीम’ राहत, वोटर्स लिस्ट से जुड़ा EC ने लगाया था ये आरोप

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?