Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप मामलों में कहा कि अगर एक आरोपी ने बलात्कार किया है, तो बाकी सभी आरोपी भी दोषी होंगे. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गैंगरेप में सभी आरोपियों का इरादा समान होना चाहिए, और इसका प्रमाण बिना पूरे कृत्य को साबित किए भी दिया जा सकता है.
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप के मामलों में एक महत्वपूर्ण और सख्त फैसला सुनाया है, जिसमें उसने कहा कि यदि एक आरोपी ने बलात्कार किया है, तो सभी आरोपियों को दोषी ठहराया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि इस कृत्य में शामिल सभी लोग समान इरादे से अपराध करते हैं, इसलिए उनका दंड भी समान होगा. आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में यह स्पष्ट किया कि गैंगरेप के मामलों में किसी भी आरोपी की भूमिका को कम करके नहीं देखा जाएगा और सभी आरोपी समान रूप से अपराध के दोषी माने जाएंगे.
गैंगरेप के मामलों में ‘समान इरादा’ पर कोर्ट की अहम टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने गैंगरेप के मामलों में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें उसने कहा कि यदि एक व्यक्ति ने बलात्कार किया है तो इस अपराध में शामिल सभी लोग दोषी होंगे. कोर्ट ने यह टिप्पणी आरोपी की याचिका खारिज करते हुए दी, जिसमें उसने यह दलील दी थी कि पीड़िता ने उसकी भूमिका को एफआईआर में नहीं बताया था और उसकी भूमिका केवल सहायक तक ही सीमित थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि गैंगरेप के मामले में प्रत्येक आरोपी की भूमिका समान होती है और सबको समान दंड मिलना चाहिए.

आरोपी ने अपनी भूमिका को कम कर दिखाने की कोशिश की
इस फैसले की पृष्ठभूमि में एक आरोपी की याचिका थी, जिसने यह दावा किया था कि एफआईआर में उसके खिलाफ कोई ठोस आरोप नहीं लगाए गए थे. आरोपी ने कहा कि उसने अपराध में मुख्य आरोपी की मदद की थी, लेकिन बलात्कार का कृत्य केवल एक व्यक्ति ने किया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि गैंगरेप के मामले में आरोपी की भूमिका चाहे जो भी हो, अंततः सभी को दोषी माना जाएगा यदि उनका इरादा समान था.
Read More: पाकिस्तानी सेना की फायरिंग का भारतीय सेना ने दिया सशक्त जवाब, तनाव बढ़ा
कोर्ट ने धारा 376(2)(जी) का हवाला दिया
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(जी) का उल्लेख किया, जो गैंगरेप से संबंधित मामलों को नियंत्रित करती है. कोर्ट ने कहा कि इस धारा के तहत एक आरोपी के बलात्कार के कृत्य से गैंग के सभी सदस्य जिम्मेदार होंगे, बशर्ते कि सभी ने मिलकर अपराध करने का इरादा किया हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि प्रत्येक आरोपी ने बलात्कार के पूरे कृत्य को अंजाम दिया, बल्कि यह दिखाना पर्याप्त होगा कि उन्होंने समान इरादे से अपराध किया था.
गैंगरेप के दोषियों को समान दंड मिलने की संभावना
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर गैंगरेप एक व्यक्ति द्वारा किया गया है, तो भी बाकी सभी आरोपियों को दोषी ठहराया जाएगा. अदालत ने इस संबंध में पुराने फैसलों का हवाला दिया और कहा कि IPC की धारा 376(2)(जी) में यह निहित है कि सभी आरोपी एक ही इरादे से अपराध करते हैं, इसलिए उनकी सजा भी समान होनी चाहिए. इससे यह स्पष्ट होता है कि गैंगरेप के मामलों में सह-आरोपी को केवल अपराध की सहायता करने या उसमें शामिल होने से नहीं छोड़ा जा सकता, बल्कि सभी आरोपियों को समान रूप से दोषी माना जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का महत्व
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला गैंगरेप से संबंधित मामलों में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है. अब यदि गैंगरेप के मामले में एक आरोपी बलात्कार का कृत्य करता है, तो अन्य आरोपियों को भी दोषी ठहराया जाएगा, भले ही उन्होंने बलात्कार के कृत्य को सीधे तौर पर अंजाम न दिया हो. इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि सामूहिक अपराधों में सभी आरोपियों को समान रूप से दंडित किया जाएगा, जो समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त संदेश देने का प्रयास है.
यह भी पढ़ें: वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, विवाद में नए मोड़ की उम्मीद
