India -Pak: भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर जारी गोलाबारी और बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही फायरिंग का कड़ा जवाब दिया है, और यह स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है.
India -Pak: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर से उफान पर है. पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार सैन्य कार्रवाई करने के बाद भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. 4-5 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई की. यह फायरिंग पाकिस्तान की तरफ से 11वें दिन की गई थी, और यह घटना पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है कि भारतीय सेना अपनी सीमा की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.
पाकिस्तानी सेना का बिना उकसावे के फायरिंग का हमला

पाकिस्तानी सेना की चौकियों से कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में गोलीबारी की गई. भारतीय सेना के अधिकारियों के अनुसार, यह फायरिंग बिना किसी उकसावे के की गई थी और पाकिस्तान ने फिर से सीमा पर संघर्ष को बढ़ाने का प्रयास किया. हालांकि, भारतीय सेना ने त्वरित और सटीक जवाबी कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान की फायरिंग का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. भारतीय सेना ने सीमा पर शांति बनाए रखने का अपना संकल्प व्यक्त किया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की बलिदान से पीछे नहीं हटेगी.
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11वें दिन पाक सेना का सीजफायर उल्लंघन
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना द्वारा लगातार 11वें दिन सीजफायर का उल्लंघन किया गया. यह हमले ऐसे समय में हुए जब भारत और पाकिस्तान के बीच पहले ही गंभीर तनाव बना हुआ था. 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में भारतीय नागरिकों की मौत के बाद से स्थिति और भी नाजुक हो गई है. पाकिस्तानी सेना द्वारा गोलीबारी की ये घटनाएँ दर्शाती हैं कि पाकिस्तान लगातार सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.
सीमावर्ती क्षेत्रों में तैयारियां और बंकर निर्माण
भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों ने अपने सुरक्षा बंकरों की सफाई और तैयारियां शुरू कर दी हैं. केंद्र सरकार ने 2017 में जम्मू, कठुआ, पुंछ, राजौरी और सांबा जिलों में 14,460 सामुदायिक और निजी बंकरों का निर्माण करने की योजना को मंजूरी दी थी. इन बंकरों का निर्माण नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया गया है ताकि किसी भी संभावित गोलाबारी या हमले की स्थिति में वे सुरक्षित रह सकें. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से 8,600 से अधिक बंकरों का निर्माण पहले ही किया जा चुका है.
पहलगाम आतंकी हमले का असर और पाकिस्तान की भूमिका
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव का मुख्य कारण 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को माना जा रहा है. इस हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, जिनमें 26 लोग मारे गए थे. आतंकवादियों ने पहचान के बाद पर्यटकों को बेरहमी से गोली मारी. इस घटना ने भारत में गहरा आक्रोश पैदा किया और पाकिस्तान को लेकर नकारात्मक भावनाओं को और बढ़ा दिया. भारत ने पाकिस्तान से स्पष्ट रूप से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की मांग की है, जबकि पाकिस्तान इस हमले से जुड़े आतंकवादियों को शरण देने के आरोपों का सामना कर रहा है. इस बीच, सरकार ने सीमा पर नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बंकरों का निर्माण जारी रखा है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को बचाया जा सके.
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