Home राज्यDelhi दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के आरोपी को नाटकीय अंदाज में पश्चिम बंगाल से दबोचा, 4 साल से दे रहा था चकमा

दिल्ली पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के आरोपी को नाटकीय अंदाज में पश्चिम बंगाल से दबोचा, 4 साल से दे रहा था चकमा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Cyber fraud

एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि माल्या दास 2021 में दिल्ली में दर्ज एक मामले में वांछित था, जिसमें 1.5 लाख रुपये से अधिक की ऑनलाइन धोखाधड़ी शामिल थी.

New Delhi: चार साल से फरार चल रहे साइबर धोखाधड़ी के आरोपी को दिल्ली पुलिस ने बड़े नाटकीय अंदाज में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी पश्चिम बंगाल में जगह-जगह ठिकाने बदल कर रहा है. इस पर दिल्ली पुलिस ने उसके चारों तरफ जाल फैला दिया और उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जाने लगी. दिल्ली पुलिस ने केवाईसी विवरण अपडेट करने के बहाने वरिष्ठ नागरिकों को ठगने के आरोप में पश्चिम बंगाल से 24 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि माल्या दास 2021 में दिल्ली में दर्ज एक मामले में वांछित था, जिसमें 1.5 लाख रुपये से अधिक की ऑनलाइन धोखाधड़ी शामिल थी. उन्होंने कहा कि वह करीब चार साल से गिरफ्तारी से बच रहा था.

ई-केवाईसी अपडेट के नाम पर निकाले 1.5 लाख

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने बताया कि 2021 में एक महिला ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसके दादा को एक संदेश मिला था जिसमें चेतावनी दी गई थी कि जब तक उनका ई-केवाईसी अपडेट नहीं किया जाता, उनका सिम ब्लॉक कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब बुजुर्ग व्यक्ति ने एसएमएस में दिए गए नंबर पर कॉल किया, तो उन्हें एक लिंक भेजा गया. इसके बाद आरोपी ने उनके फोन में एक एप्लिकेशन इंस्टॉल कर दिया, जिससे जालसाजों ने उनके खाते से 1.5 लाख रुपये निकाल लिए.

डिप्लोमा के दो साल बाद छोड़ दी थी पढ़ाई

जांच के दौरान पुलिस ने पैसे के स्रोत का पता लगाया और पाया कि ठगी की गई राशि में से 1 लाख रुपये दो डमी खातों का उपयोग करके ऑनलाइन गेमिंग वेब के माध्यम से निकाले गए थे. बाद में दास के बैंक खाते में भुनाए गए थे. डीसीपी ने कहा कि इसके बाद धनराशि को एटीएम के जरिए निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के पते पर कई छापों के बावजूद आरोपी फरार रहा. गैर-जमानती वारंट प्राप्त किए गए और पश्चिम मेदिनीपुर के केशियारी इलाके से उसकी गिरफ्तारी हुई. पूछताछ में दास ने खुलासा किया कि वह कोलकाता में दर्ज एक अन्य धोखाधड़ी मामले में भी शामिल था और 2022 में वहां न्यायिक हिरासत में था. आरोपी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के दो साल बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.

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