IND vs ENG Test History: यह मुकाबला इतिहास में दर्ज हो गया, एक ऐसी राइवलरी की शुरुआत के तौर पर, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को दशकों तक बांधे रखा.
IND vs ENG Test History: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट की टक्कर सिर्फ दो देशों का मुकाबला नहीं, बल्कि क्रिकेट इतिहास की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित राइवलरी में से एक मानी जाती है. इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत 1932 में हुई थी और आज तक यह रोमांच कम नहीं हुआ.
लॉर्ड्स में रखी गई थी ऐतिहासिक नींव
भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर खेला था. उस समय भारतीय टीम की कप्तानी सी.के. नायडू के हाथ में थी, जबकि इंग्लैंड की टीम की अगुवाई डगलस जार्डिन कर रहे थे. भारत को भले ही यह मैच 158 रन से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन यह मुकाबला इतिहास में दर्ज हो गया, एक ऐसी राइवलरी की शुरुआत के तौर पर, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को दशकों तक बांधे रखा.
कुल आंकड़े: कौन किस पर भारी?
अब तक दोनों देशों के बीच कुल 138 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. इनमें से इंग्लैंड ने 52 में जीत हासिल की है, जबकि भारत 36 मुकाबलों में विजेता रहा है. वहीं, 50 टेस्ट मैच ड्रॉ पर खत्म हुए हैं. हालांकि आंकड़ों के लिहाज़ से इंग्लैंड थोड़ा आगे है, लेकिन पिछले दो दशकों में भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए घरेलू और विदेशी मैदानों पर शानदार प्रदर्शन किया है.
एजबेस्टन 2025 में रचा गया नया इतिहास
भारत और इंग्लैंड की इस ऐतिहासिक भिड़ंत में एक नया अध्याय 2025 में जुड़ा, जब भारत ने एजबेस्टन टेस्ट में इंग्लैंड को हराकर सीरीज़ को 1-1 से बराबर कर दिया. इस जीत में भारतीय बल्लेबाजों का संयम और गेंदबाजों की धार देखने लायक थी. इस मुकाबले ने दिखा दिया कि अब भारत केवल घरेलू पिचों पर ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड की सरजमीं पर भी अपना दबदबा कायम करने में सक्षम है.
अब ‘पाटौदी ट्रॉफी’ नहीं, ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’

अब भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज का नाम बदल दिया गया है. 2007 में शुरू हुई ‘पाटौदी ट्रॉफी’ को अब आधिकारिक रूप से ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ का नाम दिया गया है. यह सम्मान भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को समर्पित किया गया है, जिन्होंने अपने-अपने देश के लिए रिकॉर्ड तोड़े प्रदर्शन किए हैं.
1971: जब भारत ने इंग्लैंड में इतिहास रचा
भारत ने इंग्लैंड में पहली टेस्ट सीरीज़ जीत 1971 में दर्ज की थी. अजित वाडेकर की कप्तानी में सुनील गावस्कर की ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी और भागवत चंद्रशेखर की घातक स्पिन ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी. यह वह मोड़ था जब भारत ने दिखाया कि वह अब एक मजबूत टेस्ट टीम बनकर उभर चुका है.
आज भी कायम है रोमांच
138 टेस्ट मैचों के बाद भी भारत और इंग्लैंड की यह राइवलरी उतनी ही दिलचस्प बनी हुई है, जितनी शुरुआत में थी. हर सीरीज, हर मैच एक नई कहानी कहता है और क्रिकेट फैंस को रोमांच से भर देता है. यह भिड़ंत आज भी टेस्ट क्रिकेट की सबसे क्लासिक और प्रतिष्ठित लड़ाइयों में गिनी जाती है.
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