PM Modi visti to 5 Nation: पीएम मोदी ने अपने तोहफों के जरिए भारत के चार प्रमुख राज्यों, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र की पारंपरिक कलाओं, धार्मिक प्रतीकों और ऐतिहासिक विरासत को दुनिया के सामने रखा.
PM Modi visti to 5 Nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 से 9 जुलाई तक की पांच देशों की यात्रा केवल कूटनीतिक वार्ताओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक विरासत को वैश्विक मंच पर पेश करने का काम भी किया. त्रिनिदाद एंड टोबैगो से लेकर अर्जेंटीना, ब्राजील, नामीबिया और घाना तक, पीएम मोदी ने जिन राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की, उन्हें भारत की ऐतिहासिक कलाओं और धार्मिक परंपराओं से जोड़े रखा. इससे न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए, बल्कि भारत के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र की कला और संस्कृति की वैश्विक ब्रांडिंग भी हुई.
अयोध्या की विरासत और राम मंदिर की भव्यता
त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को पीएम मोदी ने भगवान श्रीराम के जन्मस्थल अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर की शुद्ध चांदी से बनी एक अद्भुत प्रतिकृति भेंट की. यह प्रतिकृति उत्तर प्रदेश के कारीगरों द्वारा हाथ से तैयार की गई थी, जो मंदिर की वास्तुकला, धार्मिक महत्ता और भारतीय धातु-कला की विरासत को दर्शाती है.

सरयू नदी का पवित्र जल भी साथ गया
इसके अलावा पीएम मोदी ने उन्हें सरयू नदी के जल से भरा एक कलश भी भेंट किया. यह न केवल आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक था, बल्कि भारत की पवित्र नदियों और धार्मिक आस्था को भी दुनिया के सामने लाया.
अर्जेंटीना में चमका राजस्थान और बिहार
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली को राजस्थान की धातु-कला की एक भव्य प्रस्तुति के रूप में चांदी का शेर उपहार में दिया गया. यह शेर फ्यूचसाइट स्टोन बेस पर उकेरा गया था और इसे राजस्थान के कारीगरों ने तैयार किया था. यह साहस, शक्ति और भारतीय धातु-कला का प्रतीक बनकर विदेश नीति में एक नया सौंदर्यबोध जोड़ता है.
बिहार की मधुबनी पेंटिंग बनी कला का प्रतीक
अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति विक्टोरिया विलारुएल को पीएम मोदी ने बिहार की पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग भेंट की, जिसमें सूर्य की छवि थी. यह पेंटिंग न केवल मिथिला की लोक परंपराओं की झलक देती है, बल्कि भारतीय स्त्री-शक्ति, रचनात्मकता और सांस्कृतिक जड़ों का गहरा परिचय भी कराती है.
ब्राजील को भेंट की महाराष्ट्र की जनजातीय कला
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी ने वहां के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को महाराष्ट्र की पारंपरिक वारली पेंटिंग भेंट की. यह चित्रकला महाराष्ट्र की जनजातीय परंपरा का हिस्सा है जो जीवन, मानव भावना और प्रकृति की आपसी तालमेल को दर्शाती है. यह पेंटिंग भारत की आदिवासी कलाओं की समृद्ध परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाने की एक अनोखी पहल थी.
राजनयिक कूटनीति के साथ सांस्कृतिक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब केवल व्यापार, सुरक्षा या रणनीतिक साझेदारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को भी उतनी ही गंभीरता से विश्व पटल पर प्रस्तुत कर रहा है. राम मंदिर की प्रतिकृति हो या मधुबनी पेंटिंग, हर उपहार में भारत की आत्मा की झलक थी.
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