अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने ओडिशा में हुए दुष्कर्म की घटना पर राज्य और केंद्र सरकार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके निशाना साधा है.
Congress Slams BJP: महिला अपराध के मुद्दे पर कांगेस अब बीजेपी पर हमलावर है. इस कड़ी में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी को घेरा है. अलका लांबा की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातों को कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर किया है. बता दें कि अलका लांबा ने ओडिशा में हुए दुष्कर्म के मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
अलका लांबा ने क्या कहा?
अलका लांबा ने कहा, “बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज में पढ़ने वाली 20 साल की छात्रा ने अपने आपको आग के हवाले कर दिया. इस घटना में वह 95% जल गई और एम्स भुवनेश्वर में गंभीर हालत में भर्ती है. ये छात्रा BJP-RSS के छात्र संगठन ABVP की पदाधिकारी है. B.Ed. की इस छात्रा पर विभाग का HOD समीर कुमार साहू लगातार सेक्सुअल फेवर के लिए दबाव बना रहा था. HOD धमकी दे रहा था कि अगर वह सेक्सुअल फेवर नहीं देगी तो उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा.
- छात्रा ने इन धमकियों को स्वीकार नहीं किया और सारी बात 30 जून को स्कूल के प्रिंसिपल दिलीप घोष को बताई
- 1 जुलाई को छात्रा ने इस मामले की शिकायत BJP के सांसद, उड़ीसा के मुख्यमंत्री और विभाग से की
- विभाग ने छात्रा से कहा कि अगर वह आरोप साबित नहीं कर पाई तो एक्शन उस पर होगा। मामले में बैठी कमेटी ने 10 दिन तक सवाल HOD समीर कुमार साहू के बजाए छात्रा से पूछे
- मानसिक उत्पीड़न से तंग आई छात्रा 11 दिन बाद धरने पर बैठ गई, लेकिन जब उसे लगा कि न्याय नहीं मिलेगा, तब उसने कॉलेज कैंपस में अपने आप को आग के हवाले कर दिया. ये सब BJP की ‘डबल इंजन सरकार’ वाले ओडिशा में चल रहा है.”
फतेहपुर की घटना पर भड़की है कांग्रेस
कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके उत्तर प्रदेश के फतेहपुर की घटना का जिक्र किया. कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, “यूपी के फतेहपुर में दलित युवक नरेश पासी को पेड़ से बांधकर बेरहमी से मारा गया. ये घटना बेहद दुखद है. इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. इस देश में ऐसी बर्बर और मनुवादी विचारधारा की कोई जगह नहीं है. ये घटना बताती है कि BJP सरकार में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है, आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं.
दलितों के खिलाफ अपराध
- 2020: 50,291 मामले दर्ज
- 2021: 50,900 मामले दर्ज
- 2022: 57,582 मामले दर्ज
दलितों के साथ हुई ये अमानवीय घटना मानवता के खिलाफ एक साजिश है. ये BJP-RSS की उसी दलित विरोधी सोच का नतीजा है, जहां उनके अधिकारों छीना जाता है, उन्हें आगे बढ़ने से रोका जाता है.”
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