MDMA Factory Busted in Uttarakhand: उत्तराखंड में एमडीएमए जैसे घातक ड्रग की फैक्ट्री का भंडाफोड़ सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि देश के लिए एक बड़ी कामयाबी है. पुलिस को अब इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचकर इसे पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है.
MDMA Factory Busted in Uttarakhand: उत्तराखंड पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले एक ड्रग माफिया गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता इलाके में चल रही एमडीएमए (MDMA) बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारा है. इस कार्रवाई में ड्रग बनाने वाले केमिकल्स की भारी खेप बरामद की गई है, साथ ही इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड कुणाल राम कोहली को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
STF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि यह रेड एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की कुमाऊं यूनिट और पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा की गई. यह छापा सोमवार को साहनी नर्सरी तिराहा (नानकमत्ता) स्थित फैक्ट्री पर डाला गया, जहां से भारी मात्रा में बैन किए गए प्रीकर्सर केमिकल्स बरामद हुए.
मुंबई से नेपाल तक फैला था नेटवर्क
पुलिस के अनुसार, इस ड्रग नेटवर्क की जड़ें मुंबई से लेकर नेपाल तक फैली हुई थीं. फैक्ट्री से 126 लीटर केमिकल, 28 किलो पाउडर और 7.41 ग्राम तैयार एमडीएमए जब्त किया गया. एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब 31 मई को महाराष्ट्र के ठाणे में 11 ग्राम एमडीएमए के साथ दो तस्करों को पकड़ा गया. पूछताछ में उन्होंने उत्तराखंड-नेपाल बॉर्डर पर थल (पिथौरागढ़) में मोनू गुप्ता और कुणाल कोहली द्वारा संचालित एमडीएमए फैक्ट्री का खुलासा किया.

मुर्गी फार्म की आड़ में ड्रग फैक्ट्री
ठाणे और पिथौरागढ़ पुलिस ने 26 जून को थल में एक पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही फैक्ट्री पर छापा मारा और ड्रग निर्माण में इस्तेमाल होने वाले प्रीकर्सर केमिकल्स बरामद किए. बाद में मोनू गुप्ता को उसके दो सहयोगियों भीम यादव और अमन कोहली के साथ उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के पलिया-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया. हालांकि कुणाल कोहली नेपाल फरार हो गया था। उसके साथ राहुल कुमार और विक्रम भी थे.
ड्रग्स को बहाने की कोशिश, पत्नी गिरफ्तार
11 जुलाई को पुलिस ने राहुल कुमार की पत्नी ईशा को गिरफ्तार किया, जो अपने पति के कहने पर 5.688 किलो एमडीएमए (कीमत: ₹10.23 करोड़) एक नहर में बहाने की कोशिश कर रही थी. पूछताछ में उसने राहुल कुमार का नाम उजागर किया, जिसे चंपावत पुलिस ने गिरफ्तार किया. पूछताछ में अमन कोहली ने पुलिस को बताया कि जब पिथौरागढ़ में उनकी पहली फैक्ट्री पकड़ी गई, तो उन्होंने नानकमत्ता में नए ठिकाने पर ड्रग निर्माण शुरू कर दिया.
केमिकल सप्लायर कंपनियों पर भी कार्रवाई होगी
एसएसपी भुल्लर ने बताया कि जिन कंपनियों से एमडीएमए बनाने के लिए केमिकल्स खरीदे गए थे, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. इस ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाली टीम को पुलिस महानिदेशक द्वारा ₹1 लाख इनाम देने की घोषणा की गई है.
क्या है एमडीएमए (MDMA)?
एमडीएमए एक सिंथेटिक नशा पदार्थ है, जो आमतौर पर ‘एक्स्टेसी’ के नाम से जाना जाता है. यह मस्तिष्क में डोपामिन, सेरोटोनिन और नॉरएड्रेनालिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को उत्तेजित करता है, जिससे उपयोगकर्ता को तेज़ ऊर्जा और फर्जी सुख का एहसास होता है, लेकिन यह अत्यधिक लत लगाने वाला और घातक हो सकता है.
उत्तराखंड में एमडीएमए जैसे घातक ड्रग की फैक्ट्री का भंडाफोड़ सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि देश के लिए एक बड़ी कामयाबी है. इस कार्रवाई से यह भी साफ हो गया है कि ड्रग माफिया अब सीमावर्ती इलाकों और दुर्गम क्षेत्रों को ठिकाना बना रहे हैं, जहां से इनका अंतरराष्ट्रीय संचालन हो सके.पुलिस को अब इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचकर इसे पूरी तरह खत्म करने की जरूरत है.
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