कश्मीरी गेट आईएसबीटी का भी भविष्य में इसी तरह का पुनर्विकास होने की उम्मीद है.जिससे यात्रियों को आवागमन में कोई दिक्कत न हो.
New Delhi: दिल्ली के आनंद विहार और सराय काले खां अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों (ISBT) को विश्वस्तरीय मल्टी-मॉडल परिवहन केंद्रों में तब्दील किया जाएगा, जहां हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सुविधाएं बढ़ने से यात्रियों की संख्या में भी काफी वृद्धि होगी. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार की पारगमन उन्मुख विकास (टीओडी) नीति के तहत टर्मिनलों को आधुनिक वास्तुकला, एकीकृत परिवहन साधनों और वाणिज्यिक, आवासीय व हरित क्षेत्रों के साथ नया रूप दिया जाएगा. यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत विकसित की जा रही है. एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) परियोजना प्रबंधन सलाहकार और अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) निजी भागीदारों को लाने के लिए लेनदेन सलाहकार है.
बनेंगे आधुनिक लाउंज
अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से कोई पूंजी निवेश नहीं होने के कारण रियल एस्टेट और वाणिज्यिक विकास के माध्यम से भूमि-मूल्य अधिग्रहण से आईएसबीटी के नवीनीकरण का वित्तपोषण किया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि बुनियादी ढांचे के बड़े उन्नयन के तहत पुनर्विकास योजना में एलिवेटेड कॉनकोर्स, आईएसबीटी, आरआरटीएस (नमो भारत ट्रेन) और मेट्रो स्टेशनों जैसी विभिन्न परिवहन प्रणालियों को जोड़ना, वाहन-मुक्त पैदल यात्री क्षेत्र, रिंग रोड के किनारे व्यावसायिक अग्रभाग और आधुनिक लाउंज और प्रस्थान क्षेत्र शामिल हैं. सराय काले खां में साइट का विकास लगभग 32 एकड़ में फैला है, जिसमें डीडीए, डीटीआईडीसी, एनसीआरटीसी, एमसीडी और डीयूएसआईबी के बीच समन्वय जारी है.
आवासीय क्षेत्र भी किए जाएंगे विकसित
अधिकारी ने कहा कि भविष्य में आनंद विहार में यात्री क्षमता लगभग दोगुनी होकर 64,000 से बढ़कर 1.17 लाख प्रतिदिन हो जाएगी. सराय काले खां में बे की संख्या 64 से बढ़कर 134 हो जाएगी और यात्रियों की संख्या 10,000 से बढ़कर एक लाख से ज़्यादा हो जाएगी. आनंद विहार में यात्री सुविधाओं का विस्तार दस गुना बढ़कर 1,220 वर्ग मीटर से 12,214 वर्ग मीटर हो जाएगा, जबकि सराय काले खां में सुविधाओं का क्षेत्रफल 1,461 वर्ग मीटर से बढ़कर 17,410 वर्ग मीटर हो जाएगा. अधिकारी ने बताया कि परिवहन केंद्रों से दूर आवासीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जबकि सामाजिक-सांस्कृतिक और हरित क्षेत्र 20 प्रतिशत क्षेत्र में फैले होंगे. परिवहन अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि एक व्यूइंग डेक और एक सार्वजनिक प्लाज़ा भी योजना का हिस्सा हैं. परिवहन अधिकारी ने आगे बताया कि कश्मीरी गेट आईएसबीटी का भी भविष्य में इसी तरह का पुनर्विकास होने की उम्मीद है. जिससे यात्रियों को आवागमन में कोई दिक्कत न हो और वे आरामदायक सफर का आनंद ले सकें.
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