जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता मंगलवार को संसद का घेराव करेंगे. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, 160 से ज्यादा पार्टी नेता दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं.
J&K Congress leaders: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस का नेतृत्व सोमवार को ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के तहत संसद का ‘घेराव’ करने के लिए दिल्ली के लिए के रवाना हुआ है. दिल्ली में कांग्रेस का नेतृत्व जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक विधेयक लाने पर जोर दे रहे हैं. पार्टी नेतृत्व ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जम्मू-कश्मीर के लोगों की मांग पूरी करने में “पूरी तरह विफल” होने का आरोप लगाया.
क्या बोले गुलाम अहमद मीर?
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर ने जम्मू में मीडिया से कहा, “प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जताई है – एक बार नहीं, बल्कि कई बार. उन्होंने लोगों से वादा किया था कि वे संसद के अंदर और बाहर, दोनों जगह इसे बहाल करेंगे इसलिए, हम राज्य के दर्जे के लिए आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं.” मीर, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के साथ, सोमवार को जम्मू से पांच डबल डेकर बसों में 160 से ज्यादा पार्टी नेताओं का नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव को 10 महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री को राज्य के लोगों के अधिकार बहाल करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए.” पत्रकारों से बात करते हुए, कर्रा ने कहा, “अपना राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए, जो हमारा संवैधानिक अधिकार है, हम दिल्ली चलो कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं. हम वहां संसद का घेराव करने की कोशिश करेंगे. हम इस अंधी और बहरी सरकार को जगाना चाहते हैं. वे राज्य का दर्जा देने की मांग को पूरा करने पर चुप हैं, जिसका वादा उन्होंने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह किया था.”
हिरासत में लिए गए थे कर्रा और मीर
कर्रा ने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के बाद, उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया – पहले ‘श्रीनगर चलो’, फिर ‘जम्मू चलो’, और “अब हम दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं.” पार्टी ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर पहली बार 19 जुलाई को श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया था. इसके बाद 20 जुलाई को कर्रा और मीर के नेतृत्व में जम्मू के मध्य में एक विरोध मार्च निकाला गया. यह समूह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को एक ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन तक मार्च करना चाहता था, लेकिन पुलिस बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया गया. कर्रा और मीर दोनों ही हिरासत में लिए गए लोगों में शामिल थे.
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