सुनामी एक विशाल समुद्री लहर होती है जो अचानक और तेजी से तटीय क्षेत्रों में आती है. ये आमतौर पर समुद्र के तल में होने वाले भूकंप के कारण उत्पन्न होती है. जब समुद्र के नीचे की पृथ्वी की परतें खिसकती हैं और पानी में भारी हलचल होती है तो ऊंची लहरें बनती हैं.
Tsunami: सुनामी शब्द एकबार फिर सुर्खियों में है. सुनामी शब्द सुनकर लोगों के जहन में 2004 की भीषणता की कड़वीं यादें ताजा हो जाती हैं. उस लम्हे को भला कौन भूल सकता है. आज भी वो तबाही का मंजर डर का सबब बना हुआ है. न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, रूस के कुरील आइलैंड और जापान के बड़े नॉर्थ आइलैंड होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी ने दस्तक दी. इन द्वीपों पर आई सुनामी का कारण था रूस के तट पर आया 8.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप. दशक के सबसे शक्तिशाली भूकंप से आधी दुनिया पर सुनामी का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में ये जानना दिलचस्प हो जाता है कि आखिर वो कौनसे फैक्टर है जिसकी वजह से सुनामी आती है.
कब और क्यों आती है सुनामी?
सुनामी एक विशाल समुद्री लहर होती है जो अचानक और तेजी से तटीय क्षेत्रों में आती है. ये आमतौर पर समुद्र के तल में होने वाले भूकंप के कारण उत्पन्न होती है. जब समुद्र के नीचे की पृथ्वी की परतें खिसकती हैं और पानी में भारी हलचल होती है तो ऊंची लहरें बनती हैं. इसके अलावा, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन या Meteor shower भी सुनामी का कारण बन सकते हैं. सुनामी तब आती है जब ये लहरें समुद्र में तेजी से यात्रा करती हैं और तट के पास पहुंचकर ऊंची और विनाशकारी हो जाती हैं. गहरे समुद्र में ये लहरें छोटी और तेज होती हैं, लेकिन तट पर पानी की गहराई कम होने से इनकी ऊंचाई बढ़ जाती है. यह लहरें कई किलोमीटर तक अंदरूनी इलाकों में घुस सकती हैं, जिससे भारी तबाही होती है. सुनामी के आने का मुख्य कारण प्राकृतिक आपदाएं हैं, जो इंसानों के कंट्रोल से बाहर होती हैं. ये घरों, सड़कों, और फसलों को नष्ट कर देती है, साथ ही जानमाल का भारी नुकसान करती है. सुनामी की चेतावनी प्रणाली और जागरूकता से नुकसान को कम किया जा सकता है. तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को ऐसी आपदा के लिए तैयार रहना चाहिए.
कितनी होती है सुनामी की लहरों की स्पीड और हाइट?
सुनामी के दौरान लहरों की स्पीड 800 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है. हालांकि, तट के पास पहुंचने तक लहरों की गति तो कम हो जाती है लेकिन इनकी हाइट और पावर बढ़ जाती है. इन लहरों की तट पर जोरदार टक्कर से जानमाल को भी नुकसान होता है. बात अगर ऊंचाई की करें तो ये लहरें 10 से 18 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं. ऐसा मान लीजिए कि ये लहरें पानी पर जोर से चलती हुई दीवार की तरह होती हैं.
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