AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के फैसले को निराशाजनक बताया है. ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट करके कई सवाल भी उठाए हैं.
Asaduddin Owaisi on Malegaon Blast Case Verdict: मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के फैसले के बाद अब विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले का जिक्र करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. ओवैसी के अलावा कई कांग्रेसी नेताओं ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है.
असदुद्दीन ओवैसी ने किया ये पोस्ट
- मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है. विस्फोट में छह नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए. उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया. जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए जिम्मेदार है.
- विस्फोट के 17 साल बाद, अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के “धर्मनिरपेक्ष” राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन 6 लोगों की हत्या किसने की?
- याद कीजिए, 2016 में मामले की तत्कालीन अभियोजक रोहिणी सालियान ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एनआईए ने उनसे आरोपियों के प्रति “नरम रुख” अपनाने को कहा था. याद कीजिए, 2017 में, एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को बरी करवाने की कोशिश की थी. वही व्यक्ति 2019 में भाजपा सांसद बनी.
- करकरे ने मालेगांव में हुई साजिश का पर्दाफाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए. भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी.
- क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हमें इसका जवाब पता है. यह “आतंकवाद पर सख्त” मोदी सरकार है. दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया था.
संसद में भी हो सकती है बहस
माना जा रहा है कि मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के फैसले पर संसद में भी बहस हो सकती है. अनुमान है कि विपक्षी नेता इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर सकते हैं. वहीं बीजेपी नेता भी लगातार इस मुद्दे पर विपक्ष के किए गए वार पर अब जोरदार पलटवार कर सकते हैं. अहम ये है कि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने बीजेपी को जमकर घेरा था.
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