Malegaon Blast Case : मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सात लोगों को कोर्ट से बरी करने के बाद सियासत तेज हो गई. इसी बीच महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने कहा कि UPA सरकार ने भगवा आतंकवाद का राग अलापने की कोशिश की.
Malegaon Blast Case : महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने सबूतों के अभाव में पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया है. अब कोर्ट के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में NIA कोर्ट ने सभी सातों आरोपियों को रिहा कर दिया है और कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने कैसे भगवा आतंकवाद का राग अलापने की कोशिश की थी और मालेगांव विस्फोट को गढ़ा, जिसका अब सच सबके सामने आ गया है. साथ ही अब अदालत ने भी यह साबित कर दिया है कि यह पूरा मामला खोखला था.
हिंदुओं पर लगाया आतंकवादी होने का आरोप
फडणवीस ने बताया कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा मामला गढ़ा था और उन्होंने सभी हिंदुओं पर आतंकवादी होने का आरोप लगाया था. अब पूरा देश उनके इस आयोजित केस को लेकर आलोचना कर रहा है और कांग्रेस को अब पूरे हिंदू समुदाय को अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. सातों आरोपियों के बरी होने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर लिखा कि आतंकवाद भगवा न कभी था, ना है, ना कभी रहेगा!
राहुल-सोनिया मांगे माफी : प्रसाद
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी, जो दोनों पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं, को देश से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस अपनी वोट बैंक की राजनीति में किसी भी हद तक जा सकती है. प्रसाद ने पुरोहित की कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने वाले एक बहादुर और सम्मानित अधिकारी और ठाकुर की एक ‘संत’ के रूप में प्रशंसा की, और कहा कि दोनों को झूठे आरोपों के कारण 17 साल तक कष्ट सहना पड़ा.
संसद में होगी चर्चा?
बताया जा रहा है कि मालेगांव विस्फोट मामले में NIA कोर्ट के फैसले पर संसद में भी बहस हो सकती है. अनुमान है कि विपक्षी नेता इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर सकते हैं. वहीं, BJP नेता भी लगातार इस मुद्दे पर विपक्ष के किए गए वार पर अब जोरदार पलटवार कर सकते हैं. अहम ये है कि इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने बीजेपी को जमकर घेरा था.
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