Rahul Gandhi Case : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक अन्य केस ने मुश्किलें बढ़ा दी है और अब उन्होंने जल्द ही एक स्थानीय अदालत में पेश होना होगा.
Rahul Gandhi Case : लोकसभा प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बिहार में SIR के खिलाफ वोट अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं और इस दौरान उनका साथ RJD नेता तेजस्वी यादव भी दे रहे हैं. इसी बीच लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ ‘भारतीय राज्य से ही लड़ने’ संबंधी टिप्पणी के मामले में सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की है. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आरती फौजदार ने अधीनस्थ अदालत से रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की वजह से नई तारीख तय की है. दूसरी तरफ गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील सगीर सैफी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि अदालत ने मामले में अधीनस्थ अदालत से रिकॉर्ड नहीं मिलने की वजह से सुनवाई स्थगित कर दी.
23 जनवरी को कोर्ट में मामला दायर करवाया
दिल्ली में 15 जनवरी को कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि BJP और RSS ने देश के हर संस्थान पर कब्जा कर लिया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम BJP, RSS और और भारतीय राज्य से ही लड़ रहे हैं. वहीं, कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया कि यह टिप्पणी देश के नागरिकों और लोकतंत्र के प्रति अनादर को दर्शाता है. हिंदू शक्ति दल की सदस्य और याचिकाकर्ता सिमरन गुप्ता ने कहा कि राहुल गांधी के बयान से देश भर के लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. उन्होंने बताया कि पहले मैंने संभल के जिला मजिस्ट्रेट और एसपी से संपर्क किया था, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद मैंने 23 जनवरी को अदालत में मामला दायर कर दिया.
राहुल गांधी ने नहीं किया आरोप पत्र दाखिल
मालूम हो कि राहुल गांधी इन दिनों बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं और केंद्र के साथ चुनाव आयोग पर लगातार निशाना साधने का काम कर रहे हैं. इसी बीच इलेक्शन कमीशन ने राहुल गांधी से 7 दिनों के भीतर शपथ पत्र दाखिल करके आरोप तय करने के लिए कहा था और यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी इस आरोप के सबूत नहीं देते हैं तो वह निराधार माना जाएगा. वहीं, बताया जा रहा है कि ईसी की तरफ से दिया गया समय बीतने के बाद राहुल ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया है. आयोग ने फिर दोहराया कि भारत में एक व्यक्ति, एक वोट का नियम संविधान और कानून के तहत हमेशा से लागू है. इस पर कभी समझौता नहीं किया गया. इसी बीच RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर हमला करने शुरू कर दिया और वोट चोरी करने का आरोप लगाया है.
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