Pakistan News : इमरान खान ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जेल के अंदर मुझे बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है और यह एक अमानवीय व्यवहार है.
Pakistan News : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) इन दिनों में जेल में बंद और उनकी कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी बीच इमरान ने पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ (Maryam Nawaz Sharif) और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ जेल में उन्हें बुनियादी सुविधाएं न देने का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए पुलिस को एक आवेदन भी सौंपा है. 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री पर कई मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है और वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं, फिलहाल उन्हें रावलपिंडी के अदियाला जेल में रखा गया है. वहीं, मरियम और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अपने आवेदन में इमरान ने पुलिस को लिखे अपने पत्र में उनके इशारे पर जेल में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है.
मुझे बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही
इमरान खान ने कहा कि पंजाब की मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक कैदी के तौर पर मुझे बुनियादी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कोठरी में रोशनी नहीं है और मेरे परिवार के सदस्यों को परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने जेल में बुनियादी सुविधाओं से वंचित करने के लिए मरियम और आठ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. इससे पहले इमरान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि जेल में एकांत कारावास में रहते हुए वह अपने देश की सच्चा आजादी के लिए लड़ रहे हैं और जब तक वह अपने लोगों को जंजीरों से मुक्त नहीं करा लेते हैं तब तक मैदान में डटे रहेंगे.
समसामयिक विषयों से दूर किया गया
उन्होंने कहा कि मुझे एक बार फिर से अलग-थलग कर दिया गया. मेरे परिवार के सदस्य और वकीलों से मुलाकात नहीं करने दी जा रही है. सत्ता में बैठे लोगों की कोशिश है कि मुझे समसामयिक घटनाओं से अनभिज्ञ रखने के लिए सूचना के हर एक सोर्स से दूर किया जा रहा है, वह चाहे टेलीविजन हो या फिर अखबार… पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसके अलावा उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मेरी पत्नी बुशरा बीबी के साथ भी ऐसा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. अब यहां तक हो गया है कि मेरी पत्नी को भी मुझसे मिलने नहीं दिया जा रहा है. साथ ही मेरे परिवार की तरफ से भेजी गई दर्जनों किताबों में से सिर्फ तीन-चार ही दी गई है, बाकी किताबों को जब्त कर लिया गया है. यहां तक मेरे निजी डॉक्टर को भी मुझसे मिलने नहीं दिया जा रहा है और इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवा का मेरा मूल अधिकार भी छि लिया गया है.
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