Home Latest News & Updates मधुमक्खी की तरह गूंजन करने वाला ये प्राणायाम मानसिक तनाव से रखेगा कोसों दूर, आज से ही बनाएं हिस्सा

मधुमक्खी की तरह गूंजन करने वाला ये प्राणायाम मानसिक तनाव से रखेगा कोसों दूर, आज से ही बनाएं हिस्सा

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
Bhramari Pranayam

Pranayam Yoga: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भला कौन थकता नहीं होगा, कोई शारीरिक रूप से थका हुआ है तो कोई मानसिक तनाव को लेकर परेशान है.

Pranayam Yoga: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भला कौन थकता नहीं होगा, कोई शारीरिक रूप से थका हुआ है तो कोई मानसिक तनाव को लेकर परेशान है.अलग-अलग शोधों में इस बात की पुष्टि होती है. मीडिया रिपोर्ट भी मानसिक तनाव के बढ़ते मामलों की ओर इशारा कर रही है. क्योंकि मीडिया रिपोर्ट में भी आए दिन इस प्रकार की खबरें देखने और सुनने को मिलती है, जो खुशहाल जीवनशैली के लिए चिंता का सबब बनकर उभर रहा है. ऐसे में मानसिक तनाव को कैसे कम करें, समय रहते कैसे रोकथाम करें? बड़ी चुनौती बन गया है.

पहले प्राणायाम को जानें, फिर शुरू करें अभ्यास

प्राणायाम, श्वास को नियंत्रित करने की एक उत्तम यौगिक प्रक्रिया है. जिसमें प्राण का अर्थ होता है “जीवनी शक्ति या ऊर्जा और आयाम का अर्थ विस्तार या नियंत्रण से है, प्राणायाम के माध्यम से तनाव को कम करने,मन को शांत और स्थिर करने, शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से किया जाता है. प्राणयाम करने में बहुत सरल और सहज होता है. फायदे भी किसी चमत्कार से कम नहीं है.

क्या है भ्रामरी प्राणायाम और कैसे करें?

भ्रामरी शब्द का सामान्य अर्थ ‘भ्रमर’ से लिया गया है. अर्थात मधुमक्खी की आवाज की तरह जिस प्राणायाम को करते है. वो प्राणायाम भ्रामरी प्राणायाम होता है. इसमें जब हम श्वास को छोड़ते है तो मधुमक्खी की तरह आवाज निकलती है. जो हमारे दिमाग को शांत करने के साथ-साथ सूकुन का भी गहन अहसास करवाता है. भ्रामरी प्राणायाम से निकलने वाली आवाज हमारे तंत्रिका तंत्र पर सीधा प्रभाव डालती है. इसको करने से विचारों की शून्यता और सकारात्मक भाव उत्पन्न होता है. विशेषतौर पर बच्चों के लिए भ्रामरी प्राणायाम किसी रामबाण से कम नहीं है.

विधि:-

  1. आरामदायक और शांत वातावरण का चयन करें.
  2. धीर-धीरे आंखें बंद करे और गहरी सांस लें.
  3. कुछ समय तक आंखे बंदकर खुद को देखें.
  4. अब अंगूठों से दोनों कान बंद करे, शेष उगोलियां आंखों और चेहरे पर लगाएं.
  5. पहले लंबा गहरा श्वास लें, फिर धीरे-धीरे सांस को निकालना शुरू करें.
  6. श्वास छोड़ते समय गूंजन करें,मानों जैसे मधुमक्खी की आवाज गूंज रही हो.

भ्रामरी प्राणायाम करने के लाभ

1.दिमाग को तुरंत आराम मिलता है.
2.शांति और सुकून का अहसास और नींद की गुणवत्ता में सुधार
3.ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है,
4.चिंता और पैनिक अटैक में लाभदायक.
5.मानसिक संतुलन सुदृढ़ और दिमागी शॉर्पनेस बढ़ती है.
6.बच्चों में अत्यधिक चंचलता को दूर करता है.
7.सकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ता है.

भ्रामरी प्राणायाम करते समय बरतें ये सावधानियां

जब आप भ्रामरी करते है तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें, जैसे, संभव हो तो सुबह जल्दी, शांत जगह ही अभ्यास करें, पेट खाली हो, शुरूआती स्तर पर 5-10 राउंड के बीच अभ्यास करें, फिर धीरे-धीरे अभ्यास को बढ़ाते जाइए, भ्रामरी प्राणायाम करने के पश्चायात एकदम से आंखे ना खोले,धीरे-धीरे अभ्यास से निकलने के बाद खुद को रिलेक्स करते हुए बाहर आए, अभ्यास को रोजाना 10-15 मिनट अवश्य करें.

ये भी पढ़ेंः बदलते मौसम में खुद को कैसे रखें फिट? 4 आसनों को आज ही डेली रूटिन में करें शामिल

  • Reported by Yogacharya Laxmi Narayan

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?