Uttarakhand paper leak case: युवाओं ने परीक्षा रद्द करने और राज्य सरकार से कांस्टेबल भर्ती नियमों में संशोधन की भी मांग की है.
Uttarakhand paper leak case: उत्तराखंड पेपर लीक मामले ने तूल पकड़ लिया है.युवाओं ने प्रदर्शन करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. स्नातक स्तर की परीक्षा के प्रश्नपत्र के तीन पन्नों के कथित लीक होने के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने गुरुवार को मांग की कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) परीक्षा में अनियमितताओं की जांच करे. 21 सितंबर को विभिन्न विभागों के लिए प्रतियोगी परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के तीन पन्नों के लीक होने से मचे हंगामे के बीच संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में छात्रों ने यहां परेड ग्राउंड के बाहर सड़क पर टेंट लगा दिया है और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. संघ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ( UKSSSC) के अध्यक्ष के तत्काल इस्तीफे, परीक्षा रद्द करने और राज्य सरकार से कांस्टेबल भर्ती नियमों में संशोधन की भी मांग की है.
घटना की सीबीआई जांच की मांग
संघ के राज्य उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा कि जब तक राज्य सरकार हमारी सभी मांगें नहीं मान लेती, हम अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे. सिंह ने आरोप लगाया कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं और बेरोजगार तब तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती. घटना सामने आने के बाद से विपक्षी कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार राज्य सरकार पर निशाना साध रही है. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उनकी पार्टी शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी और घटना की सीबीआई जांच की मांग करेगी. बढ़ते दबाव के बीच राज्य सरकार ने बुधवार को मामले की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. देहरादून के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जय बलूनी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है, जो मामले की जांच कर रहे हैं.
एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी SIT
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने कहा कि एसआईटी की जांच पूरे राज्य को कवर करेगी और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बर्धन ने कहा कि राज्य सरकार के लिए छात्रों का हित सर्वोपरि है और आम जनता व छात्रों के बीच परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता और शुचिता बनाए रखने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आयोग से यह भी अनुरोध करेगी कि जांच पूरी होने तक परीक्षा के संबंध में कोई और कदम न उठाया जाए. आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र के तीन पन्नों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. इनमें परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद लिए गए फोटो दिखाई दे रहे थे, जिससे राज्य में हड़कंप मच गया.
मुख्य आरोपी भी था अभ्यर्थी
पुलिस ने मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन सबिया को गिरफ्तार कर लिया है. खालिद हरिद्वार के अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा में शामिल हुआ था. पुलिस के अनुसार, खालिद ने हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के बहादुरपुर जट गांव स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन सबिया को भेजी थी, जिसने टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को प्रश्न भेजे और उत्तर प्राप्त कर लिए. सुमन को प्रश्नों पर संदेह हुआ, जिसके बाद उसने उनके स्क्रीनशॉट लेकर जानकारी किसी अन्य व्यक्ति को दे दी, जिसने पुलिस या किसी सक्षम अधिकारी के पास जाने के बजाय उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड कर वायरल कर दिया.
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