Home Latest News & Updates गिरफ्तारी से बचने को फैलाई मौत की अफवाह, फिर भी न बच सका, इस तकनीक से आरोपी तक पहुंची पुलिस

गिरफ्तारी से बचने को फैलाई मौत की अफवाह, फिर भी न बच सका, इस तकनीक से आरोपी तक पहुंची पुलिस

by Sanjay Kumar Srivastava
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Delhi Police

New Delhi Crime: आरोपी ने चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में मुकदमे से बचने के लिए अपनी मौत का नाटक किया था. आरोपी की पहचान दिल्ली के मुंगेशपुर गांव निवासी वीरेंद्र विमल के रूप में हुई है.

New Delhi Crime: चार साल से फरार चल रहा आरोपी आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. दिल्ली पुलिस ने आरोपी को यूपी के गोरखपुर जिले से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी मौत की अफवाह फैला दी थी. दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक युवक (35) को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में मुकदमे से बचने के लिए अपनी मौत का नाटक किया था. एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि आरोपी की पहचान दिल्ली के मुंगेशपुर गांव निवासी वीरेंद्र विमल के रूप में हुई है. उसने अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट से बचने के लिए 2021 में जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खुद को मृत घोषित कर दिया था. विमल एक आदतन अपराधी था. वह बवाना थाने में दर्ज सेंधमारी, चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में वांछित था.

अदालत में जमा था जाली मृत्यु प्रमाणपत्र

पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर 24 अगस्त, 2021 को अपनी मृत्यु दिखाते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का एक जाली मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की. इसके बाद आरोपी के खिलाफ अदालती कार्यवाही रोक दी गई. हालांकि, पुलिस ने हाल ही में मामले की फिर से जांच की और मृत्यु रिकॉर्ड में विसंगतियां पाईं. पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने कहा कि जांच करने पर यह सामने आया कि ऐसी कोई मृत्यु नहीं हुई थी और अदालत को गुमराह करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया था. पुलिस ने व्यापक डिजिटल ट्रैकिंग और क्षेत्र सत्यापन किया. अधिकारी ने कहा कि निरंतर निगरानी के बाद आरोपी का पता लगाया गया और उसे गोरखपुर से पकड़ लिया गया. पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान क्राइम कुंडली (एक बायोमेट्रिक डेटाबेस) और फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) सॉफ्टवेयर के ज़रिए की गई. इस प्रक्रिया में आरोपी की ताज़ा तस्वीर का मिलान पिछले पुलिस रिकॉर्ड से किया गया, जिससे उसकी पहचान सही साबित हो गई.

फैक्ट्री और घरों को बनाता था निशाना

विमल का आपराधिक इतिहास कई साल पुराना है. वह बवाना पुलिस स्टेशन में दर्ज कम से कम चार मामलों में शामिल था, जिनमें औद्योगिक इकाइयों और निजी आवासों में चोरी, वाहनों की चोरी और अवैध बंदूक व गोला-बारूद रखने के मामले शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि एक मामले में उसके पास से एक चोरी की एसयूवी भी बरामद हुई थी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिरासत से रिहा होने के बाद वह फिर से चोरी और सेंधमारी करने लगा. न्याय से हमेशा के लिए बचने के लिए उसने अपनी मौत का नाटक किया और अदालत में जाली प्रमाण पत्र पेश किया. पुलिस ने बताया कि विमल आमतौर पर रात में कारखानों और घरों को निशाना बनाता था.वह चोरी के वाहनों का इस्तेमाल अपराध में करता था ताकि पकड़े न जाए. पुलिस ने बताया कि आरोपी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के संबंधित प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्यवाही के लिए अदालत में पेश किया गया है.

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