APEC Summit : चीन में अगले साल APEC शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाला है और इस दौरान सदस्य देशों के साथ ताइवान भी भागीदारी करेगा. इसी बीच बीजिंग ने ताइवान पर एक चीनी सिद्धांत को स्वीकार करने का दबाव बनाया.
APEC Summit : चीन ने बुधवार को घोषणा की कि अगले साल APEC शिखर सम्मेलन शेनझेन में आयोजित होगा. इसी बीच बीजिंग ने ताइवान के सदस्य के रूप में भागीदारी करने को लेकर कहा कि वर्तमान में ‘एक-चीन सिद्धांत’ को स्वीकार करना राजनीतिक आवश्यकता है. एशिया प्रशांत आर्थिक सम्मेलन (APEC) का शिखर सम्मेलन बीते हफ्ते दक्षिण कोरिया में संपन्न हुआ, जहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) के बीच एक बैठक हुई और दोनों देशों के बीच टैरिफ वार को खत्म करने के लिए एक अनौपचारिक समझौता हुआ. इसके अलावा उन्होंने 32वीं APEC आर्थिक नेताओं की बैठक के दूसरे सत्र में शी ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग मजबूत करना चाहिए.
ये देश हैं APEC में शामिल
APEC समूह में 21 सदस्य देशी की अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से स्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, हांगकांग, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, थाईलैंड, चीन, ताइपे, चिली, मेक्सिको, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, रूस और वियतनाम शामिल हैं. इसके अलावा चीन हमेशा से ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता आया है वह भी चीनी ताइपे के रूप में APEC का सदस्य है. इसी बीच ताइवान की विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग ने बीजिंग पर APEC में ‘समान’ भागीदारी का समर्थन करने की अपनी पूर्व प्रतिबद्धता से पीछे हटने का आरोप लगाया.
ताइवान के विदेश मंत्री को चीन ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, ताइवान की आलोचना पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि एक चीन सिद्धांत के तहत एक क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के रूप भागीदारी करना चाहिए. साथ ही APEC समझौता में दी गई शर्तों का पालन करना चाहिए. उन्होंने इस मुद्दे पर चीन का रुख स्पष्ट और दृढ़ है कि ताइवान को एक चीन सिद्धांत को स्वीकार करना चाहिए. लिन ने ताइपे मीडिया को बताया कि पिछले साल पेरू में हुई APEC बैठक के दौरान जब चीन अगले साल की मेजबानी के अधिकार के लिए होड़ में था, तो वक्त ताइवान की समान भागीदारी का भी उल्लेख किया था. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1992 के APEC समझौता ज्ञापन में सहमति बनी थी कि एक चीन सिद्धांत का पालन करना होगा और अपने नेता के बजाय मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि भेजने होंगे.
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