Dollar-Rupee: रुपये की यह मजबूती केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि वैश्विक कूटनीति, आर्थिक संकेतकों और निवेशक भावनाओं का संयुक्त परिणाम है. अब बाजार की अगली दिशा 15 अगस्त की US-रूस वार्ता और आने वाले महंगाई आंकड़ों से तय होगी.
Dollar-Rupee: सोमवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे मजबूत होकर 87.50 पर पहुंच गया. डॉलर की कमजोरी, अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट और विदेशी निवेशकों की खरीदारी ने रुपये को मजबूती दी. वहीं निवेशकों की निगाहें अब 15 अगस्त को होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता पर टिकी हैं, जो भू-राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में अहम मोड़ साबित हो सकती है.
कमजोर डॉलर से मिली मजबूती
फॉरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक, रुपये ने 87.56 पर शुरुआत की और थोड़े ही समय में 87.50 के स्तर को छू लिया. डॉलर इंडेक्स 0.11% गिरकर 98.07 पर आ गया, जिससे उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं को सहारा मिला. इस गिरावट का सीधा असर भारतीय रुपये पर पड़ा और निवेशकों में सकारात्मक रुझान देखने को मिला.
US-रूस वार्ता का संभावित असर
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 15 अगस्त की वार्ता में यूक्रेन युद्ध पर कोई सकारात्मक प्रगति होती है, तो भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 बीपीएस अतिरिक्त टैरिफ में नरमी आ सकती है. भारत लंबे समय से दोनों पक्षों से संवाद और कूटनीति के जरिए समाधान निकालने की अपील करता रहा है.
तेल की कीमतों में गिरावट और शेयर बाजार की चाल
ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.48% गिरकर 66.27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई, जिससे भारत के आयात बिल पर दबाव कम हुआ. घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 104.84 अंक बढ़कर 79,962.63 पर और निफ्टी 55.85 अंक चढ़कर 24,419.15 पर कारोबार कर रहा था, जिससे बाजार की समग्र धारणा मजबूत हुई.
आरबीआई और विदेशी निवेशकों का योगदान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए समय-समय पर डॉलर बेचकर बाजार में हस्तक्षेप कर रहा है. वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने शुक्रवार को 1,932.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे विदेशी पूंजी प्रवाह में मजबूती आई.
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