ईडी ने दावा किया कि गौड़ा ने अवैध धन से विभिन्न चल और अचल संपत्तियां अर्जित कीं. लोकायुक्त पुलिस ने भी उनके पास आय से अधिक संपत्ति पाई.
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा कि उसने 63 करोड़ रुपये के गोल्ड लोन घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में कर्नाटक स्थित एक सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और उनकी पत्नी की करीब 14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. मामले में छापेमारी के बाद अप्रैल में संघीय जांच एजेंसी ने आरएम मंजूनाथ गौड़ा को गिरफ्तार किया था. शिवमोग्गा में मुख्यालय वाले शिमोगा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
पीएमएलए के तहत की गई है कार्रवाई
ईडी ने एक बयान में कहा कि गौड़ा और उनकी पत्नी से संबंधित 13.91 करोड़ रुपये की वर्तमान बाजार मूल्य की अचल और चल संपत्तियां सहकारी बैंक की शहर शाखा में स्वर्ण ऋण घोटाले से संबंधित जांच में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त की गई हैं. धन शोधन का मामला कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत और आरोप पत्र से निकला है, जहां आरोप लगाया गया था कि उक्त बैंक की पूर्व शाखा प्रबंधक बी शोभा ने अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश में 62.77 करोड़ रुपये के बैंक फंड को डायवर्ट किया.
जाली दस्तावेजों से खोला था गोल्ड लोन खाता
पुलिस के अनुसार, कार्यप्रणाली में व्यक्तिगत खाताधारकों की जानकारी के बिना फर्जी, मनगढ़ंत और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके धोखाधड़ी वाले गोल्ड लोन खाते खोलना शामिल था. एजेंसी ने आरोप लगाया कि बी शोभा द्वारा अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश करके अर्जित अपराध की आय को धोखाधड़ी की गई और गौड़ा को सौंप दिया गया. ईडी ने दावा किया कि गौड़ा ने कथित अवैध धन से विभिन्न चल और अचल संपत्तियां अर्जित कीं और लोकायुक्त पुलिस द्वारा दायर आरोपपत्र के अनुसार, उनके पास आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति भी पाई गई.
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