Zilla Parishad School: खेड़ तहसील के जलिंदरनगर जिला परिषद स्कूल को 50 शॉर्टलिस्ट किए गए स्कूलों में से सामुदायिक पसंद पुरस्कार श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है.
Zilla Parishad School: ‘विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार’ के लिए चुने जाने के चार महीने बाद पुणे जिले के एक ज़िला परिषद स्कूल ने इस वैश्विक प्रतियोगिता के 2025 संस्करण में सामुदायिक विकल्प पुरस्कार जीता है. इस पुरस्कार ने स्कूल की सहकर्मी शिक्षण प्रणाली को मान्यता दी, जहां छात्र एक-दूसरे से सीखते हैं. मंगलवार रात एक वर्चुअल समारोह में आयोजकों ने घोषणा की कि खेड़ तहसील के जलिंदरनगर जिला परिषद स्कूल को 50 शॉर्टलिस्ट किए गए स्कूलों में से सामुदायिक पसंद पुरस्कार श्रेणी में विजेता घोषित किया गया है.
दौड़ में शामिल थे कई देश
गौरतलब है कि जिला प्रशासन 2022 में इस स्कूल को बंद करने वाला था क्योंकि इसमें केवल पांच छात्र ही पढ़ते थे. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षक दत्तात्रेय वेयर के वहां स्थानांतरित होने के बाद उन्होंने स्थानीय निवासियों को स्कूल के बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए प्रेरित किया और नई शिक्षण पद्धतियां लागू कीं, जिससे नामांकन में वृद्धि हुई. स्कूल में अब 120 छात्र हैं. विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार प्रतिवर्ष लंदन स्थित टी-4 एजुकेशन द्वारा प्रदान किया जाता है, जो स्वयं को 100 से अधिक देशों के दो लाख से अधिक शिक्षकों का एक वैश्विक मंच है. ये पुरस्कार पांच श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं: सामुदायिक सहयोग, पर्यावरणीय कार्रवाई, नवाचार, प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय और स्वस्थ जीवन का समर्थन. सामुदायिक विकल्प पुरस्कार जनता के मतदान के आधार पर दिया जाता है. 2025 के पुरस्कारों के लिए अन्य फाइनलिस्ट ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम, दुबई, पाकिस्तान, इटली, कोस्टा रिका और अर्जेंटीना के स्कूल थे.
पुरस्कार से शिक्षकों और छात्रों में खुशी
वर्चुअल रूप से आयोजित इस पुरस्कार समारोह में फाइनलिस्ट अपने स्कूल परिसर से लाइव जुड़े. जैसे ही जलिंदरनगर स्कूल के नाम की घोषणा हुई, परिसर में खुशी की लहर दौड़ गई. पीटीआई से बात करते हुए वेयर ने कहा कि स्कूल को नवंबर में अबू धाबी में होने वाले विश्व शिक्षा शिखर सम्मेलन में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारा चयन स्कूल द्वारा अपनाई गई नवीन शिक्षण पद्धतियों और हमें प्राप्त मजबूत सामुदायिक समर्थन के आधार पर किया गया. वेयर, जिन्हें प्यार से गुरुजी कहा जाता है, ने कहा कि इस मान्यता से हमारे शिक्षकों और छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और अन्य स्कूलों को भी हमारा मॉडल अपनाने की प्रेरणा मिलेगी. उनके द्वारा शुरू की गई शिक्षण पद्धतियों में ‘विषय मित्र’ प्रणाली भी शामिल है. अपने उद्धरण में टी-4 एजुकेशन ने कहा कि ज़िला परिषद स्कूल जलिंदरनगर सरकारी स्कूल शिक्षा में क्रांति ला रहा है.
ये भी पढ़ेंः प्रोजेक्ट प्रवीण: सरकारी स्कूलों में 20 अक्टूबर से शुरू होंगे प्रशिक्षण बैच, छात्रों को मुफ्त मिलेगी अध्ययन सामग्री
